श्री शैल शक्तिपीठ । मल्लिकार्जुन - श्रीशैलम, आँध्रप्रदेश
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Description
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का अहम स्थान है यह एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जिसमें शिव-पार्वती दोंनो एक साथ स्थापित हैं। आंध्रप्रदेश के कुरनूल में ब्रह्मगिरी पर्वत पर जिसे दक्षिण का कैलाश भी मानते हैं यहां कृष्ना नदी के तट पर स्थित इस ज्योतिर्लिंग में आज भी हर रोज महादेव और माता पार्वती का विवाह कराया जाता है। यहां मल्लिका मां पार्वती को और अर्जुन भगवान शिव को कहते हैं। इसी मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के प्रांगण में स्थित है श्रीशैलम शक्तिपीठ। जहां माता सती की ग्रीवा यानी गर्दन या neck का निपात हुआ था।
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10 महाविद्याओं में चौथी महाविद्या है मां त्रिपुरसुंदरी, जिन्हें ललिता देवी भी कहा जाता है, इनका स्वरूप 16 वर्ष की कन्या का है जो 16 कलाओं से युक्त है, इसलिए इन्हें षोडशी भी कहते है माँ के अनेकों नाम है ललिता, माहेश्वरी, शक्ति, राजराजेश्वरी। महाविद्याओं में से सबसे मनोहर रूप में पूजी जाने वाली...
Published 11/21/23
उड़ीसा के पूरी मंदिर में जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की स्थापना से भी युगों पहले सतयुग से स्थित है माता सती का विमला शक्तिपीठ. जहां देवी मां के उत्कल क्षेत्र यानी नाभी का निपात हुआ था. यहां की शक्ति है महादेवी और भैरव को जगन्नाथ कहते हैं. क्या आप जानते है की भगवान विष्णु मां आदिशक्ति को अपनी बहन...
Published 10/20/23
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