ललिता देवी मंदिर - प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
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Description
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर के दक्षिण दिशा में यमुना नदी के तट पर सती के हाथ की उंगली गिरने से भगवती ललिता का प्राकट्य हुआ था। ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती मां ललिता के चरण छूकर ही बहती थी। इसलिए मां को प्रयाग की महारानी भी कहा जाता है। यहां मुख्य रूप से देवी के तीन स्वरूपों की पूजा होती है। मां ललिता देवी, कल्याणी देवी और अलोपी देवी के मंदिरों को शक्तिपीठ माना गया है। देवी की उंगलियां संभवतः तीनो स्थानों पर गिरी इसलिए तीनों में से कौन श्रेष्ठ कौन असली का प्रश्न ही नहीं उठता। तीनो एक दूसरे के आस पास ही स्थित है।
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Published 11/21/23
उड़ीसा के पूरी मंदिर में जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र की स्थापना से भी युगों पहले सतयुग से स्थित है माता सती का विमला शक्तिपीठ. जहां देवी मां के उत्कल क्षेत्र यानी नाभी का निपात हुआ था. यहां की शक्ति है महादेवी और भैरव को जगन्नाथ कहते हैं. क्या आप जानते है की भगवान विष्णु मां आदिशक्ति को अपनी बहन...
Published 10/20/23
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