सरेआम होती हिंसा को रोकने की हिम्मत क्यों नहीं जुटा पाते लोग?: ज्ञान ध्यान
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आपने अक्सर सुना होगा कि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. अक्सर सुना होगा कि जब 4 आदमी मिलकर किसी जगह तोड़फोड़ कर रहे तो जल्द ही वो 4 से 14 हो सकते हैं. अकेला आदमी सामाजिक पाबंदियों को तोड़ने से घबराता है लेकिन भीड़ बेकाबू हो जाती है.दूसरी ओर एक और चीज़ देखने को मिलती है कि अक्सर सड़क पर हिंसा हो रही होती है और पास खड़ी भीड़ कुछ नहीं करती बल्कि खड़ी-खड़ी पूरी घटना को घटते हुए देखती रहती है.मनोवैज्ञानिक कहते है कि ऐसा Byestander Effect के कारण होता है. तो आज के एपिसोड मे आपको बताते हैं कि दरअसल ये Byestander Effect होता क्या है? ये काम कैसे करता है और इसके पीछे के कारण क्या हैं?
प्रड्यूसर: मानव देव रावत
साउंड मिक्स: सचिन द्विवेदी
इंसान ने अपनी सहूलियत के लिए हफ्ते में 7 दिन बनाए हैं. हर दिन किसी ना किसी का फेवरेट होता है. लोगों ने मंडे को ब्लू का रंग दिया है और नाम दिया है Monday blues. इसी तरह फ्राइडे को ब्लैक से जोड़ दिया गया है और नाम पड़ गया है ब्लैक फ्राइडे. आज के ज्ञान ध्यान में हम इसी ब्लैक फ्राइडे की गुत्थी को...
Published 11/29/24
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के नए शोध में यह खुलासा हुआ है कि लंबे समय तक नेगेटिव या दुखी करने वाला कंटेंट देखना सबसे ज्यादा असर हमारी मेंटल हेल्थ पर डालता है. यहां तक कि ये डिप्रेशन को भी बढ़ा सकता है. लेकिन कैसे? और इससे बचने के उपाय क्या हैं? समझने हैं इन्हीं सवालों के जवाब? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’.
Published 11/28/24