Tinka Tinka Kaante Tode Sari Raat Kataai Ki | Gulzar
Listen now
Description
तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की | गुलज़ार तिनका तिनका काँटे तोड़े सारी रात कटाई की क्यूँ इतनी लम्बी होती है चाँदनी रात जुदाई की नींद में कोई अपने-आप से बातें करता रहता है काल-कुएँ में गूँजती है आवाज़ किसी सौदाई की सीने में दिल की आहट जैसे कोई जासूस चले हर साए का पीछा करना आदत है हरजाई की आँखों और कानों में कुछ सन्नाटे से भर जाते हैं क्या तुम ने उड़ती देखी है रेत कभी तन्हाई की तारों की रौशन फ़सलें और चाँद की एक दरांती थी साहू ने गिरवी रख ली थी मेरी रात कटाई की
More Episodes
चरित्र | तस्लीमा नसरीन  तुम लड़की हो,  यह अच्छी तरह याद रखना  तुम जब घर की चौखट लाँघोगी  लोग तुम्हें टेढ़ी नज़रों से देखेंगे  तुम जब गली से होकर चलती रहोगी  लोग तुम्हारा पीछा करेंगे, सीटी बजाएँगे  तुम जब गली पार कर मुख्य सड़क पर पहुँचोगी  लोग तुम्हें बदचलन कहकर गालियाँ देंगे  तुम हो जाओगी...
Published 09/27/24
पढ़ना मेरे पैर | ज्योति पांडेय मैं गई  जबकि मुझे नहीं जाना था।  बार-बार, कई बार गई।  कई एक मुहानों तक  न चाहते हुए भी…  मेरे पैर मुझसे असहमत हैं,  नाराज़ भी।  कल्पनाओं की इतनी यात्राएँ की हैं  कि अगर कभी तुम देखो  तो पाओगे कि कितने थके हैं ये पाँव!  जंगल की मिट्टी, पहाड़ों की घास और समंदर की रेत...
Published 09/26/24
Published 09/26/24