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स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं उनका मानवीय पक्ष भी था. आपस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और आज़ाद भी हंसी मज़ाक किया करते थे. और मज़ाक-मज़ाक में आज़ाद ने एक बार ऐसी भविष्यवाणी की जो सच हो गई.
Published 08/17/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं उनका मानवीय पक्ष भी था. आपस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और आज़ाद भी हंसी मज़ाक किया करते थे. और मज़ाक-मज़ाक में आज़ाद ने एक बार ऐसी भविष्यवाणी की जो सच हो गई.
Published 08/17/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं उनका मानवीय पक्ष भी था. आपस में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव और आज़ाद भी हंसी मज़ाक किया करते थे. और मज़ाक-मज़ाक में आज़ाद ने एक बार ऐसी भविष्यवाणी की जो सच हो गई.
Published 08/17/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/14/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/14/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का. जब ऑल इंडिया रेडियो के कई जगह दफ़्तर बने तब ज्यादातर उर्दू के एंकर हुआ करते थे जिन्हें हिंदी की बिल्कुल समझ नहीं थी. ऐसे में हिंदी के लोगों ने ख़ासकर साहित्यकारों ने रेडियो में जाने से परहेज़ रखा था. लेकिन जब एक बार निराला गए तो क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/14/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर हास्य कवि बेढब बनारसी का. क़िस्से अपने आपमें जो कहना चाहते हैं वो हम शायद ही कभी सुन पाते हैं. इस क़िस्से में ऐसा बहुत कुछ है जिसे सुना और सुनाया जाना चाहिए. सुनना और गुनना भी बहुत ज़रूरी है. सीखने के लिए शायद सुनना इसीलिए बहुत ज़रूरी है. सुनिए
Published 08/13/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर हास्य कवि बेढब बनारसी का. क़िस्से अपने आपमें जो कहना चाहते हैं वो हम शायद ही कभी सुन पाते हैं. इस क़िस्से में ऐसा बहुत कुछ है जिसे सुना और सुनाया जाना चाहिए. सुनना और गुनना भी बहुत ज़रूरी है. सीखने के लिए शायद सुनना इसीलिए बहुत ज़रूरी है. सुनिए
Published 08/13/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर हास्य कवि बेढब बनारसी का. क़िस्से अपने आपमें जो कहना चाहते हैं वो हम शायद ही कभी सुन पाते हैं. इस क़िस्से में ऐसा बहुत कुछ है जिसे सुना और सुनाया जाना चाहिए. सुनना और गुनना भी बहुत ज़रूरी है. सीखने के लिए शायद सुनना इसीलिए बहुत ज़रूरी है. सुनिए
Published 08/13/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महात्मा गांधी का. जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब गांधी इस आन्दोलन की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी कर रहे थे? इसके लिए समाज पूरी तरह से गांधी के साथ खड़ा था. गांधी की एक पुकार पर लोग धन देने को तैयार रहते थे. लेकिन एक बार गांधी ने एक पैसे से भी ख़ूब धन बना लिया. कैसे ख़ुद सुनिए
Published 08/12/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महात्मा गांधी का. जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब गांधी इस आन्दोलन की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी कर रहे थे? इसके लिए समाज पूरी तरह से गांधी के साथ खड़ा था. गांधी की एक पुकार पर लोग धन देने को तैयार रहते थे. लेकिन एक बार गांधी ने एक पैसे से भी ख़ूब धन बना लिया. कैसे ख़ुद सुनिए
Published 08/12/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा महात्मा गांधी का. जब देश स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रहा था तब गांधी इस आन्दोलन की आर्थिक ज़रूरतें कैसे पूरी कर रहे थे? इसके लिए समाज पूरी तरह से गांधी के साथ खड़ा था. गांधी की एक पुकार पर लोग धन देने को तैयार रहते थे. लेकिन एक बार गांधी ने एक पैसे से भी ख़ूब धन बना लिया. कैसे ख़ुद सुनिए
Published 08/12/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
Published 08/11/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
Published 08/11/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
Published 08/11/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मोहम्मद रफ़ी का. फ़िल्म इंडस्ट्री में जब उनके बारे में कहीं कोई बुराई नहीं सुनने में आती थी तब उनके बारे में एक प्यारी सी शिकायत आई. क्या थी वो शिकायत ख़ुद सुनिए
Published 08/07/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मोहम्मद रफ़ी का. फ़िल्म इंडस्ट्री में जब उनके बारे में कहीं कोई बुराई नहीं सुनने में आती थी तब उनके बारे में एक प्यारी सी शिकायत आई. क्या थी वो शिकायत ख़ुद सुनिए
Published 08/07/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए मोहम्मद रफ़ी का. फ़िल्म इंडस्ट्री में जब उनके बारे में कहीं कोई बुराई नहीं सुनने में आती थी तब उनके बारे में एक प्यारी सी शिकायत आई. क्या थी वो शिकायत ख़ुद सुनिए
Published 08/07/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़िराक गोरखपुरी साहब का. मशहूर शायर के ये दो क़िस्से बताते हैं कि क्यों उन्हें हर दिल पसंद माना जाता था. क्योंकि शायर होने के साथ ही फ़िराक साहब सोसायटी की नब्ज़ भी बखूबी समझते थे. इन किस्सों में ख़ुद सुनिए
Published 08/06/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़िराक गोरखपुरी साहब का. मशहूर शायर के ये दो क़िस्से बताते हैं कि क्यों उन्हें हर दिल पसंद माना जाता था. क्योंकि शायर होने के साथ ही फ़िराक साहब सोसायटी की नब्ज़ भी बखूबी समझते थे. इन किस्सों में ख़ुद सुनिए
Published 08/06/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए फ़िराक गोरखपुरी साहब का. मशहूर शायर के ये दो क़िस्से बताते हैं कि क्यों उन्हें हर दिल पसंद माना जाता था. क्योंकि शायर होने के साथ ही फ़िराक साहब सोसायटी की नब्ज़ भी बखूबी समझते थे. इन किस्सों में ख़ुद सुनिए
Published 08/06/20
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए जिगर मुरादाबादी साहब का. जिगर साहब को एक दफ़े एक शख्स मिला. हम सब किसी परिचित के मिलने पर क्या करते हैं? ज़ाहिर है वैसा ही कुछ जिगर साहब ने भी किया. दुआ सलाम किया. उन्हें लगा कि वो उसे जानते हैं लेकिन ऐसा था नहीं. आगे क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/05/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए जिगर मुरादाबादी साहब का. जिगर साहब को एक दफ़े एक शख्स मिला. हम सब किसी परिचित के मिलने पर क्या करते हैं? ज़ाहिर है वैसा ही कुछ जिगर साहब ने भी किया. दुआ सलाम किया. उन्हें लगा कि वो उसे जानते हैं लेकिन ऐसा था नहीं. आगे क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/05/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा सुनिए जिगर मुरादाबादी साहब का. जिगर साहब को एक दफ़े एक शख्स मिला. हम सब किसी परिचित के मिलने पर क्या करते हैं? ज़ाहिर है वैसा ही कुछ जिगर साहब ने भी किया. दुआ सलाम किया. उन्हें लगा कि वो उसे जानते हैं लेकिन ऐसा था नहीं. आगे क्या हुआ ख़ुद सुनिए
Published 08/05/20