Description
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा मशहूर विद्वान ग्रिफ़िथ साहब का. विदेशी होने के बाद भी भारत की सांस्कृतिक धरोहर के लिए उन्होंने जितना किया वो शायद ही कोई कर सका हो. ग्रिफ़िथ साहब ही थे जिनकी वजह से वेदों का शुरुआती तर्जुमा अंग्रेज़ी में हो सका. ग्रिफिथ साहब को मानस पूरी तरह कंठस्थ थी. उनके मानस प्रेम का एक मज़ेदार किस्सा सुनिए
स्पेशल सीरीज़ 'क़िस्सागोई' में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे 'क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा' किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं...
Published 08/17/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं...
Published 08/17/20
स्पेशल सीरीज़ ‘क़िस्सागोई’ में आपको लखनऊ समेत दुनिया जहान के किस्से सुनाएंगे. ये कहानियां आप तक पहुंचाएंगे ‘क़िस्सा-क़िस्सा लखनउवा’ किताब के लेखक और मशहूर दास्तानगो हिमांशु बाजपेयी. आज की सीरीज़ में किस्सा भारत के क्रांतिकारियों का. जिन मशहूर क्रांतिकारियों को हम कहानियों में पढ़ते सुनते आए हैं...
Published 08/17/20