राकेश 'राजगुरु' Rakesh Kumar Choudhary
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राकेश 'राजगुरु' की कविता रोटी की तलाश में हुए दरबदर घर से........
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राकेश 'राजगुरु' मुक्तक
मेरी कविता ने आज मुझसे यह प्रश्न किया इतना मीठा लिखते हो
किसी को प्यार हो गया
तो बताओ क्या करोगे.......... -
मुख पर कातिल मुस्कान लिए पंकज 'सरकार'
पंकज 'सरकार' की रचना मुख्य पर कातिल मुस्कान लिए प्रस्तुति राकेश 'राजगुरु'
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राकेश 'राजगुरु' की कविता ना मंजिल की तलाश थी
ना मंजिल की तलाश थी ना बुलंदियों की तलाश थी.... राकेश 'राजगुरु' की कविता
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राकेश 'राजगुरु' की कविता रोटी की तलाश में हुए दरबदर घर से.......
2020 कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन में पलायन करते मजदूरों की व्यथा पर राकेश 'राजगुरु' की कविता रोटी की तलाश में हुए दरबदर घर से........