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दिसंबर , जनवरी और फरवरी के महीने में जब किसान आंदोलन जोर पकड़ रहा था तब एक बात सरकार ने बार-बार कही कि कृषि कानून इसलिए लाए जा रहे हैं ताकि किसानों को आड़तियों के जाल से आजाद किया जा सके. आढ़तिया और बिचौलिया शब्द का खूब इस्तेमाल हुआ. तब भी किसान कहते रहे कि इन कानूनों के जरिए नई गुलामी लाई जा रही है, वह ज्यादा खतरनाक है, इसलिए उन्हें यह कानून नहीं चाहिए. प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के किसानो को बिचौलियों से आजादी मिलेगी, यह बिल उनके लिए रक्षा कवच का काम करेंगे. 28 जून को बीजेपी यूपी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर जारी किया है. इसमें लिखा है कि व्यापारियों और आढ़तियों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध भाजपा सरकार.