श्यामभाई ठाकर, यह नाम आज श्रीमद्भागवत, रामकथा, श्रीमद्भगवद्गीता और हिंदू धर्मग्रंथों की हिंदू परंपरा के विद्वान, प्रामाणिक, मधुरभाषी प्रवक्ता के रूप में भारत और विदेशों में हिंदू समुदाय में जाना जाने लगा है। भारतीय संस्कृति से लहलहाते ध्वज के गौरव विस्तारक पूज्यभाईश्री रमेशभाई ओझाजी द्वारा भारत की सनातनी संस्कृति को समर्पित श्री बाबडेश्वर संस्कृत महाविद्यालय, सांदीपनि विद्यानिकेतन, पोरबंदर में संस्कृत व्याकरण में आचार्य (M.A) तक शिक्षाप्राप्त श्यामभाई, श्रीमद्भागवत आदि को केवल प्रवचनका ही विषय न मानते हुए अपनी सहज दिनचर्या के रूप में श्रीमद्भागवत, गीता, रामचरितमानस, महाभारत और हाल के लेखकों...