विकलांगजन को दया की नहीं, समर्थन की है ज़रूरत – अरुणिमा सिन्हा
Listen now
Description
भारत की पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा ने, एक ट्रेन हादसे में अपना पैर गँवाने के बाद, अपने जीवन को एक नई दिशा में मोड़ दिया. अरुणिमा, वर्ष 2013 में, विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत शिखर, माउण्ट एवरेस्ट तक पहुँचने वाली पहली विकलांग महिला बन गईं.  अरुणिमा सिन्हा ने, 3 दिसम्बर को अन्तरराष्ट्रीय विकलांगजन दिवस के अवसर पर, यूएन न्यूज़ हिन्दी के साथ एक ख़ास बातचीत में कहा कि विकलांगजन को दया की नहीं, बल्कि समर्थन की ज़रूरत है.  अरुणिमा सिन्हा को वर्ष 2017 में नीति आयोग और भारत में यूएन कार्यालय की साझीदारी में ‘'Women Transforming India Awards' से भी सम्मानित किया गया था. उन्होंने यूएन न्यूज़ की प्रतिष्ठा जैन के साथ एक इण्टरव्यू में बताया कि जीवन की हर चुनौती एक सबक़ सिखाती है. उनका लक्ष्य अन्य विकलांगजन की सहायता करना और उन्हें दृढ़ इच्छाशक्ति व लगन के साथ अपने लक्ष्य को पाने के लिये प्रोत्साहित करना है. 
More Episodes
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ... ग़ाज़ा पट्टी में जारी लड़ाई, और ईरान-इसराइल के बीच तनातनी से मध्य पूर्व क्षेत्र के लिए गहराया संकटबदले की भावना से कार्रवाई के ख़तरनाक चक्र को तोड़ना होगा, यूएन महासचिव की पुकारनिर्धनता में फँसी महिलाओं व लड़कियों के यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों का हो...
Published 04/19/24
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ... ग़ाज़ा में लड़ाई से हो रही बर्बादी के बीच, गुज़र-बसर के लिए आम फ़लस्तीनियों का संघर्ष ज़रूरतमन्दों के लिए सहायता मार्ग में रुकावटों का सिलसिला जारीम्याँमार में हिंसक टकराव और असुरक्षा के कारण बढ़ती निर्धनता और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं लोगयुद्धग्रस्त सूडान...
Published 04/12/24