Bujho bujho pandit amritwani
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Description
‘‘बूझो बूझो पंडित अमरित बानी’’- सन्त कबीर को अनुभव में जो-जो दृश्य आये उन्हीं का संकलन इस पद में है। साधक के समक्ष ऐसे दृश्य आते हैं। एक दिन भक्ति का चरमोत्कृष्ट लक्ष्य परमात्मा की गोद में खेलने लगता है। #Kabir #Mira #Sadhguru
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आसरा के घीउआ :- विरह भगवत्प्रेम को जगाये रखता है । उनसे मिलन की आशा ही प्रेम को जीवित रखता है । प्रभु के निरंतर स्मरण पर बल दे रहा है यह भजन । #Kabir #Mira #Sadhguru #Guru
Published 08/21/17
Published 08/21/17
मन बनजा वैरागी :- सांसारिक वैभव और भोगों का त्याग किए बिना भगवत्प्राप्ति दुष्कर है । भोगों की नश्वरता का प्रतिपादन करने वाला प्रेरणादायक यह भजन ।
Published 08/21/17