7th Day Shri Durga Saptshati Adhyay 12 and 13 Path by Ashish P Mishra
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नवरात्री 7 वा दिवस - अध्याय -12 व 13 Today on the 7th day of Navaratri we will listen to the 12th and 13th chapters of Sri Durgasaptashati. Chapter 12 - The significance of the path of the divine characters Chapter 13 - The blessings of the Goddess to King Suratha and Vaishya Samadhi. instagram ⁠https://www.instagram.com/ashishpmishra/⁠ Youtube ⁠⁠Youtube : https://www.youtube.com/@sanatansudha⁠⁠ ⁠⁠   In this episode, we will learn about the profound importance of Durga Saptashati. By reciting Durga Saptashati, one can achieve desired results, and even the biggest crises can be resolved. According to the scriptures, performing the anushthan of Durga Saptashati definitely yields desired outcomes. Just as the Ashwamedha Yagna is the best among the yagnas and Lord Vishnu is the best among the gods, Durga Saptashati is the most revered among all the stotras. It is purifying and provides both worldly pleasures and salvation. Reciting Durga Saptashati a hundred times bestows all kinds of powers. Moreover, reciting it a thousand times bestows permanent wealth and fulfills desires, ultimately leading to liberation. Devotees of the Goddess can experience miraculous changes in their lives by reciting Durga Saptashati with devotion. This Navratri, you too can receive the grace and blessings of Mother Ambika by reading and listening to this recitation.   नवरात्रि के 7 वे दिन आज हम श्रीदुर्गासप्तशती से 12 और 13 वां अध्याय सुनेंगे | अध्याय 12 - देवी चरित्रों के पथ का माहात्म्य अध्याय 13 - सुरथ और वैश्य को देवी का वरदान | इस पॉडकास्ट में हम दुर्गा सप्तशती के गहन महत्व के बारे में जानेंगे। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है तथा इसके पाठ से बड़े से बड़ा संकट भी दूर हो जाता है। शास्त्रों के अनुसार दुर्गा सप्तशती का अनुष्ठान करने से निश्चित रूप से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। जिस प्रकार यज्ञों में अश्वमेध यज्ञ श्रेष्ठ है तथा देवताओं में भगवान विष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी प्रकार दुर्गा सप्तशती सभी स्तोत्रों में सबसे अधिक पूजनीय है। यह पवित्र करने वाली है तथा सांसारिक सुखों और मोक्ष दोनों को प्रदान करती है। दुर्गा सप्तशती का सौ बार पाठ करने से सभी प्रकार की शक्तियां प्राप्त होती हैं। इसके अलावा, एक हजार पाठ करने से स्थायी धन की प्राप्ति होती है तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जो अंततः परम मुक्ति का साधन बन जाती हैं। देवी के भक्त भक्तिपूर्वक दुर्गा सप्तशती का पाठ करके अपने जीवन में चमत्कारी परिवर्तन का अनुभव
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