Description
I have been wondering why *Sadness* and *Love* go hand in hand?
Ever thought of why we always think being Sad makes you be in Love more.
ग़म बिकते हैं
बाजारों में
ग़म काफी महंगे बिकते हैं
लहजे की दूकान अगर चल जाये तो
जज्बे के गाहक
छोटे बड़े हर ग़म के खिलोने
मुंह मांगी कीमत पे खरीदें
मेने हमेशा अपने ग़म अच्छे दामों बेचे हैं
लेकिन
जो ग़म मुझको आज मिला है
किसी दुकां पर रखने के काबिल ही नहीं हैं
पहली बार में शर्मिन्दा हूँ
ये ग़म बेच नहीं पाऊंगा
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