Mohabbat, Shayari aur Main | 5 | Jaisa Maine Socha Tha
Listen now
Description
चाँद सी महबूबा हो मेरी कब ऐसा मैंने सोचा था हाँ तुम बिलकुल वैसी हो जैसा मैंने सोचा था १) ना रस्में हैं ना कसमें हैं ना शिकवे हैं ना वादे हैं इक सूरत भोली भाली है दो नैना सीधे सादे हैं - २ ऐसा ही रूप खयालों में था जैसा मैंने सोचा था, हाँ ... २) मेरी खुशियाँ ही ना बाँटे मेरे ग़म भी सहना चाहे देखे ना ख्वाब वो महलों के मेरे दिल में रहना चाहे इस दुनिया में कौन था ऐसा जैसा मैंने सोचा था, हाँ ...
More Episodes
Follow for more: https://www.instagram.com/akhilaroraxofficial/ --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/akhil-arora7/message
Published 03/06/24
Milo kabhi? Chai pe uski yaad na diladi to chai ka cup ek aur peelena. Esa ho nahi sakta ki main uski baat yaad karun aur tum use hu-ba-hu apni ankhon se dekh na pao. Mohabbat ise kehta hain. Follow for more: https://www.instagram.com/akhilaroraxofficial/ --- Send in a voice message:...
Published 02/17/24
Published 02/17/24