जूनियर महमूद सुपरस्टार होने के बावजूद छोटे किरदार क्यों निभाते रहे?: नामी गिरामी, Ep 230
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नईम सय्यद कैसे बने जूनियर महमूद, 265 फिल्मों में ऐक्टिंग और दर्जनों मराठी फिल्मों में डायरेक्शन और प्रोडक्शन के बावजूद उनका करियर कहाँ अधूरा रह गया, राजेश खन्ना से उनकी क्या शिकायत रही और महमूद उनसे कैसे प्रभावित हुए कि अपना नाम तक दे दिया? सुनिए जूनियर महमूद की पूरी कहानी ‘नामी गिरामी’ के इस एपिसोड में. प्रोड्यूसर – रोहित अनिल त्रिपाठी साउंड मिक्स – कपिल देव सिंह
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पिछले चार दशकों में छठ गीतों का पर्याय बन चुकीं शारदा सिन्हा संगीत के प्रति अंतिम सांस तक ईमानदार बने रहने की अनूठी मिसाल थीं. 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने स्त्रियों के विरह और सुख-दुख को संगीतमय अभिव्यक्ति दी. मैथिली और भोजपुरी गीतों में उनका योगदान बेहद अनूठा रहा. सुनिए उनकी...
Published 11/11/24
Published 11/11/24
इस लेखक ने अपने जीवन में बहुत लिखा. 20 नॉवल, 30 कहानी संग्रह, दर्जनों रेडियो नाटक और कुछ फिल्में भी. मगर उसका चमत्कार ये था कि इसने कहानियां, रेखाचित्र, संस्मरण, व्यंग्य, हास्य व्यंग्य, रोमांस, ट्रेजडी सब लिखा और सब शानदार. और दम तोड़ा तो भी लिखते लिखते. उनके लिखने के बारे में ही एक बार इस्मत...
Published 11/04/24