बलराज साहनी के लिए मुंबई के मज़दूर अस्पताल के बाहर क्यों जमा हो गए थे?: नामी गिरामी, Ep 250
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इसे संयोग ही माना जाएगा कि दुनिया जिस तारीख को मज़दूर दिवस मनाती है, उसी तारीख यानी पहली मई 1913 को पंजाब के रावलपिंडी में बलराज साहनी का जन्म हुआ, उनकी फ़िल्मों में किरदार और कहानियां अक्सर आम लोगों के हुआ करते थे, उन्होंने ज़िंदगी में कभी एक्टिंग की ट्रेनिंग नहीं ली थी, उन्होंने ज़िंदगी को ही ऐसे जिया, जैसे कोई स्कूल हो, सुनिए 'नामी गिरामी' में बलराज साहनी की ज़िंदगी से जुड़े किस्से. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
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पिछले चार दशकों में छठ गीतों का पर्याय बन चुकीं शारदा सिन्हा संगीत के प्रति अंतिम सांस तक ईमानदार बने रहने की अनूठी मिसाल थीं. 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने स्त्रियों के विरह और सुख-दुख को संगीतमय अभिव्यक्ति दी. मैथिली और भोजपुरी गीतों में उनका योगदान बेहद अनूठा रहा. सुनिए उनकी...
Published 11/11/24
Published 11/11/24
इस लेखक ने अपने जीवन में बहुत लिखा. 20 नॉवल, 30 कहानी संग्रह, दर्जनों रेडियो नाटक और कुछ फिल्में भी. मगर उसका चमत्कार ये था कि इसने कहानियां, रेखाचित्र, संस्मरण, व्यंग्य, हास्य व्यंग्य, रोमांस, ट्रेजडी सब लिखा और सब शानदार. और दम तोड़ा तो भी लिखते लिखते. उनके लिखने के बारे में ही एक बार इस्मत...
Published 11/04/24