बीड़ी धौंकने वाला कवि, जिसने नेहरू की मौत पर कहा- 'पार्टनर! अब फासिज्म आ जाएगा': नामी गिरामी, Ep 256
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गजानन माधव मुक्तिबोध का नाम कविता की प्रगतिशील धारा और समकालीन विचारधारा के सबसे प्रासंगिक कवियों में क्यों शुमार है, गजानन माधव मुक्तिबोध का व्यक्तित्व और जीवन कैसा रहा, उनके नाम में 'मुक्तिबोध' शब्द जुड़ने की कहानी क्या है, ''पार्टनर! तुम्हारी पॉलिटिक्स क्या है?'' ये पंक्ति इतनी मशहूर कैसे हुई, मुक्तिबोध की कविताओं-कहानियों की विशेषता क्या है और हरिशंकर परसाई से लेकर विनोद कुमार शुक्ल के साथ उनके रिश्ते कैसे थे और जवाहर लाल नेहरू के बारे में वो क्या सोचते थे, सुनिए 'नामी गिरामी' के इस एपिसोड में नितिन ठाकुर से. प्रड्यूस: अतुल तिवारी साउंड मिक्सिंग: सचिन द्विवेदी
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पिछले चार दशकों में छठ गीतों का पर्याय बन चुकीं शारदा सिन्हा संगीत के प्रति अंतिम सांस तक ईमानदार बने रहने की अनूठी मिसाल थीं. 'बिहार कोकिला' के नाम से मशहूर शारदा सिन्हा ने स्त्रियों के विरह और सुख-दुख को संगीतमय अभिव्यक्ति दी. मैथिली और भोजपुरी गीतों में उनका योगदान बेहद अनूठा रहा. सुनिए उनकी...
Published 11/11/24
Published 11/11/24
इस लेखक ने अपने जीवन में बहुत लिखा. 20 नॉवल, 30 कहानी संग्रह, दर्जनों रेडियो नाटक और कुछ फिल्में भी. मगर उसका चमत्कार ये था कि इसने कहानियां, रेखाचित्र, संस्मरण, व्यंग्य, हास्य व्यंग्य, रोमांस, ट्रेजडी सब लिखा और सब शानदार. और दम तोड़ा तो भी लिखते लिखते. उनके लिखने के बारे में ही एक बार इस्मत...
Published 11/04/24