क्यों लिखना पड़ता है मुसलमान को ठेले और दुकान पर अपना नाम
Listen now
Description
July 18, 2024, 11:42AM July 18, 2024, 11:42AM क्या आपको पता है कि मुज़फ़्फ़रनगर के ही एक सब्जी विक्रेता मोहम्मद यासीन ने 1950 में व्यवसाय करने की स्वतंत्रता के अधिकार का पहला मुकदमा जीता था और वह भी सुप्रीम कोर्ट का। इस केस का आज मुज़फ़्फ़रनगर में ठेले पर मुस्लिम नाम लिखने के विवाद से गहरा संबंध है। जब एक दुकानदार से कहा जाए कि वह अपने मुस्लिम नाम को बड़ा कर लिखे तो बाज़ार में उसे अलग-थलग किया जा रहा है। यह उसका चुनाव नहीं है। उससे कहा जा रहा है। यह अपने आप में आर्थिक बहिष्कार का मामला हो जाता है। मुज़फ़्फ़रनगर का प्रशासन भले कहे कि यह व्यवस्था के लिए किया जा रहा है क्योंकि कांवड़ यात्री कई बार भ्रम में पड़ जाते हैं और विवाद हो जाता है। कांवड़ लेकर जाने वाले यात्री असहिष्णु नहीं होते हैं। उनका ध्यान तो यात्रा पूरी करने में होता है। जब मुस्लिम समाज के लोग कांवड़ यात्रियों पर फूल माला बरसाते हैं तो कोई रास्ता नहीं बदल लेता है। इस वीडियो को पूरा देखिए।
More Episodes
July 04, 2024, 01:26PM July 04, 2024, 01:26PM अग्निवीर और रेगुलर जवान को शहादत के बाद मिलने वाली तमाम सुविधाओं को लेकर जो जानकारी आ रही है, वह यही बता रही है कि सेना में दो तरह के शहीद हो गए हैं। लोकसभा में राहुल गांधी ने जब यह सवाल उठाया तो उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा और राजनाथ सिंह ने कहा कि...
Published 08/23/24
Published 08/23/24
July 04, 2024, 03:30PM July 04, 2024, 03:30PM चुनाव आयोग को सुनना चाहिए कि विपक्ष के सांसदों ने आयोग को लेकर लोकसभा और राज्य सभा में क्या क्या कहा है। राज्यसभा में मनोज झा तो लोकसभा में महुआ मोइत्रा। डीएमके सांसद ए राजा, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी, समाजवादी पार्टी के सासंद अखिलेश यादव ने चुनाव...
Published 08/23/24