Bashir Badr- Musafir - Mere saath tum bhi dua karo
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Description
मेरे साथ तुम भी दुआ करो यूँ किसी के हक़ में बुरा न होकहीं और हो न ये हादसा कोई रास्ते में जुदा न होमेरे घर से रात की सेज तक वो इक आँसू की लकीर हैज़रा बढ़ के चाँद से पूछना वो इसी तरफ़ से गया न होसर-ए-शाम ठहरी हुई ज़मीं, आसमाँ है झुका हुआइसी मोड़ पर मेरे वास्ते वो चराग़ ले कर खड़ा न होवो फ़रिश्ते आप ही ढूँढिये कहानियों की किताब मेंजो बुरा कहें न बुरा सुने कोई शख़्स उन से ख़फ़ा न होवो विसाल हो के फ़िराक़ हो तेरी आग महकेगी एक दिनवो गुलाब बन के खिलेगा क्या जो चराग़ बन के जला न होमुझे यूँ लगा कि ख़ामोश ख़ुश्बू के होँठ तितली ने छू लियेइन्ही ज़र्द पत्तों की ओट में कोई फूल सोया हुआ न होइसी एहतियात में मैं रहा, इसी एहतियात में वो रहावो कहाँ कहाँ मेरे साथ है किसी और को ये पता न हो Source- Kavita Kosh! Photo -https://www.amazon.in/Musafir-Ba shir-Baa/dp/818322590X Music -https://www.youtube.com/watch?v=DRnyxlaqqLk&t=346s --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/tripti7/message
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Music -https://www.youtube.com/watch?v=bnYocOww22I&t=966s Pic - Photo by Pedro Araújo on Unsplash --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/tripti7/message
Published 06/01/23
Published 06/01/23
image - Photo by Kelly Sikkema on Unsplash --- Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/tripti7/message
Published 04/26/23