Khubsurat Shayari. Muskura kar hr gham ko chupa lena asaan nahi hota....
Description
ye kuch shayri hain dosto Maine khud likhi h . khud padh kar aap logon ko sunaeee h
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Zindagi k Chand haqaiq (Sachaee) ko bayaan krti huee shayri h . Achi lage to apna pyar dein.
poet :- Faiz Ahmed
Recited by :- Faiz Ahmed
यूं ही कुछ भी पा लेना,आसाँ नहीं होता
हर चीज़ में ख़ुश रह लेना,आसाँ नहीं होता
जो हमेशा ख़ुश रहते हैं,उनसे पूछो कभी
मुस्कुरा कर हर ग़म को छुपा लेना
आसाँ नहीं होता।
यूं ही हर बात लिख देना, आसाँ नहीं होता...
जज्बातों को लफ़्ज़ों में पिरोना असाँ नहीं होता...
दो लफ़्ज़ लिख कर जो ख़ुद को शायर समझते हैं,(जिसमें मैं भी शामिल हूं)
उनसे कहो ज़माने का दर्द लिखना आसाँ नहीं होता...
दौलत के दम पर मैंने हकीक़त को बदलते देखा है...
दौलत के बाज़ार में सपनों को बिकते देखा है...
सच है कि दौलत से सब कुछ नहीं मिलता
पर मैंने बहित कुछ लुटते देखा है...
हकीकत की एक आंधी ने न जाने,
सपनों के कितने घर उड़ा दिए...