Khubsurat Shayari. Hum peeth peeche kisi ko bura nhi kahte chalo khush raho tm munhpr to hum...
Description
ye kuch shayri hain dosto Maine khud likhi h . khud padh kar aap logon ko sunaeee h
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Zindagi k Chand haqaiq (Sachaee) ko bayaan krti huee shayri h . Achi lage to apna pyar dein.
poet :- Faiz Ahmed
Recited by :- Faiz Ahmed
ख़ुश हो रहे तुम बस्तियां जलाकर पर मेरा ख़ुदा कहता है, किसी का घर जला कर कौन ख़ुश रहता है..
कई हसीं मंज़र , कई हसीं लोग देखे हैं,
क़त्ल करके सोग मनाते हुए लोग देखे हैं ,
सच बोल कर हम तो ख़्वार हुए,
झूठों के हाथों में हांथ हमने एसे भी फ़रेब देखे हैं
हम पीठ पीछे किसी को बुरा नहीं कहते,
चलो ख़ुश रहो तुम ,
मुंह पर तो हम बुरों को भी बुरा नहीं कहते...
उम्र में क्या रखा है,
इन्सां की उम्र उसकी अक़ल बताती है,
मुझे नादां न समझ, समझ में तेरी हर बात आती है...