Deep sad shayari in tone of paine बेरुख़ी कुछ एसी मिली उनसे हमने तो अब इश्क़ करना ही छोड़ दिया!
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ye kuch shayri hain dosto Maine khud likhi h . khud padh kar aap logon ko sunaeee h pasand aeee ho to like krein Channel ko subscribe krlein. share krein. koi kami ho to mujhe batein. Apna pyar dein. लोग पूछते हैं कहाँ से सीखा है वफ़ा करना, हम कहते हैं आता ही नहीं हमको दग़ा करना... अब तो इश्क़ की दुनिया से डर लगता है मुहब्बत की राहों से डर लगता है ठोकर कुछ एसे खाई हमने अब तो संभलने से डर लगता है... मुझको ना पसन्द करने वालों में,एक नाम मेरा भी है। अब किसी को देखकर मुस्कुराना छोड़ दिया उस की यादों को दिल से लगाना छोड़ दिया। ज़िन्दगी तो नहीं पर जीना छोड़ दिया बेरुख़ी कुछ एसी मिली उनसे हमने तो अब इश्क़ करना ही छोड़ दिया... छोटा सा लम्हा, मुख़्तसर सी बातें निस्फ़-ए-क़लील वो चाहत,बड़ी लम्बी हैं यादें...
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Poet. Allama Iqbal. Recital Faiz Ahmed.
Published 02/13/22
Published 02/13/22
Written by :- Faiz Ahmed. Recited by :- Faiz Ahmed. Record and presented by:- Alfaz e Qalb. Search Alfaz e Qalb on YouTube.
Published 08/05/21