धड़कने मेरी तुझको बुलाती रहीं
Listen now
Description
Tu ret pr likhi ibarat thi kabhi Ab to pattharon taq pe likh diya maine Dam hai to Mita ke dikha Kiya aandhi kiya toofan Ab to baarishon taq se Kah diya maine Ek baar teri yaadon ke babasta Jashn-e-mohabbat ko anjaam diya Sare vaadon sari kasmon sari rasmon ko bhi anjaam diya Sabke sab aaye pr Tu nahi aayee Rah rah ke teri yaaden aati rahi Dhadkane meri tujhko bulati rahi Dhadkane meri tujhko bulati rahi
More Episodes
तू वो ग़ज़ल है मेरी  जिसमें तेरा होना तय है  तू वो नज्म है मेरी  जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है  इसलिये नहीं... कि...  तू मेरी दस्तरस में है  बल्कि इसलिये...कि... तू आज भी मेरी नस - नस में है  इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र  ना थकेगा ना रुकेगा ये कारवाँ  ना छूटेगी ये डगर  क्यों...
Published 11/21/24
Published 11/21/24
कैसे भुला पाउंगा उस कठिन वक़्त को...कैसे भुला पाउंगा तुम्हारे उस असहनीय कष्ट को...जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में था...और तुम अंतिम साँस लेने की तैयारी कर रही थीं...मगर फ़िर भी मुझसे कुछ कहना चाह रहीं थीं...क्योंकि तुम काल के हाथों विवश होकर हमेशा हमेशा के लिये ना चाहते हुए भी मुझसे दूर जा रहीं...
Published 11/09/24