My dear MASOOM
Listen now
Description
My dear Masoom...kaisi ho ...kaisi ho tum.. Kiya tumhe yaad hain milan ke vo pal, vo din,vo shaame aur vo raaten...ya bhool chuki ho - vaise mujhe to pahle se hi ehsaas tha ki tum ek din mujhe chhod hi dogi ...aur fhir ek din aakhirkar tumne chhod hi diya aur ab bhool bhi gai ho......magar nahi gai tum mere dil se,meri yaadon se,mere zahan se ...magar rah jane jaisa kuchh chhoda bhi to nahi tumne...jab tumne kaha...." kiyon aaye the zindagi me meri '...shayad isiliye nahi bhool sakta mai tumhe aur tumhare un lafzon ko....
More Episodes
तू वो ग़ज़ल है मेरी  जिसमें तेरा होना तय है  तू वो नज्म है मेरी  जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है  इसलिये नहीं... कि...  तू मेरी दस्तरस में है  बल्कि इसलिये...कि... तू आज भी मेरी नस - नस में है  इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र  ना थकेगा ना रुकेगा ये कारवाँ  ना छूटेगी ये डगर  क्यों...
Published 11/21/24
Published 11/21/24
कैसे भुला पाउंगा उस कठिन वक़्त को...कैसे भुला पाउंगा तुम्हारे उस असहनीय कष्ट को...जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में था...और तुम अंतिम साँस लेने की तैयारी कर रही थीं...मगर फ़िर भी मुझसे कुछ कहना चाह रहीं थीं...क्योंकि तुम काल के हाथों विवश होकर हमेशा हमेशा के लिये ना चाहते हुए भी मुझसे दूर जा रहीं...
Published 11/09/24