Love Letters
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Description
कभी तेरे नैनों पे लिखा  तो कभी नैनों के मोतियों पे लिखा  कभी तेरे मासूम चेहरे पे लिखा  तो कभी चेहरे की मासूमियत वाली बातों पे लिखा  कभी इश्क़- ए -मिजाजी पे लिखा तेरी  तो कभी इश्क़ - ए-दगाबाजी पे लिखा  कभी ग़ज़ल लिखी कभी गीत लिखा  तो कभी खत-ए-मोहब्बत लिखा 
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तू वो ग़ज़ल है मेरी  जिसमें तेरा होना तय है  तू वो नज्म है मेरी  जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है  इसलिये नहीं... कि...  तू मेरी दस्तरस में है  बल्कि इसलिये...कि... तू आज भी मेरी नस - नस में है  इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र  ना थकेगा ना रुकेगा ये कारवाँ  ना छूटेगी ये डगर  क्यों...
Published 11/21/24
Published 11/21/24
कैसे भुला पाउंगा उस कठिन वक़्त को...कैसे भुला पाउंगा तुम्हारे उस असहनीय कष्ट को...जब तुम्हारा हाथ मेरे हाथ में था...और तुम अंतिम साँस लेने की तैयारी कर रही थीं...मगर फ़िर भी मुझसे कुछ कहना चाह रहीं थीं...क्योंकि तुम काल के हाथों विवश होकर हमेशा हमेशा के लिये ना चाहते हुए भी मुझसे दूर जा रहीं...
Published 11/09/24