Episodes
दूसरे विश्वयुद्ध को अंत हुए 15 साल हो चुके थे. मित्र राष्ट्रों ने मिलकर एक संगठन बनाई थी NATO. जिसका एक मकसद सोवियत संघ के वर्चस्व को कंट्रोल करना और एक दूसरे की रक्षा करना था. इसके तहत ही अमेरिका ने इटली और टर्की के एयरबेस में न्युक्लियर वेपन इंस्टॉल किए थे, सोवियत संघ ने क्यूबा में परमाणु हथियार रख दिए थे और समुद्र में चार सबमरीन भी थे 'स्पेशल वेपन' से लैस. कॉल्ड वार की इस कहानी में एक मौका ऐसा भी आया जब न्यूक्लियर लॉन्च करने वाला बटन दबने ही वाला था, मगर एक ऑफ़िसर बीच में आ गया, सुनिए उसकी...
Published 06/19/24
जूते और जॉर्डन की कहानी एक साथ शुरू हुई थी, नाइकी ने एक युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया था, जॉर्डन ने बदले में एयर जॉर्डन को दुनिया का सबसे बड़ा स्निकर ब्रैंड बनाया MJ और एयर जॉर्डन एक दूसरे के पर्याय थे.MJ से पहले स्निकर्स सिर्फ़ बास्केटबॉल खेलने के लिए पहना जाता था. अब ये फैशन का हिस्सा है और ये सब कैसे शुरू हुआ, सुनिए किस्सा 'एक बखत की बात' में जमशेद क़मर सिद्दिक़ी से. रिसर्च- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
Published 06/05/24
Published 06/05/24
वकालत से आर्देशिर गोदरेज का मन नहीं मिला, नौकरी ने भी उन्हें उत्साहित नहीं किया, जब पहला धंधा शुरू किया तो बिज़नेस पार्टनर से ठन गई. गोदरेज पहली सफ़लता के लिए बेचैन हो रहे थे. हर चीज़ को मौके की नज़र से देखते थे. आज हम जिसे आन्ट्रप्रनर कहते हैं, वो असल मायने में एक आन्ट्रप्रनर थे, उन्हें पहली सफ़लता मिली एक ख़बर की वजह से, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से. प्रोड्यसूर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह
Published 05/08/24
एडोल्फ हिटलर के बाद का जर्मनी चार टुकड़ों में बांटा गया. विजेता अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत यूनियन के बीच. राजधानी बर्लिन की भी चार फांकें की गईं.. लेकिन जब कुछ सालों बाद इन देशों की सेनाएं लौट गई तो जर्मनी के चार से दो ही हिस्से रह गए. एक हिस्सा वो जिसे पश्चिमी देश छोड़ गए.. जबकि दूसरा वो जिस पर अभी भी सोवियत यूनियन काबिज़ था.दोनों हिस्सों का एडमिनिस्ट्रेशन दो अलग अलग जर्मन चांसलर संभालते थे और इसे एक दीवार ने बर्लिन को बांट रखा था, इसके बनने और टूटने की कहानी सुनिए, एक बखत की बात में...
Published 04/24/24
दुनिया में एक आर्टिस्ट आया था रॉबर्ट जॉनसन नाम का, उसकी ज़िंदगी ऐसी थी कि उससे जुड़ी शैतान की कहानी भी भरोसे लायक लगती है, न पैदा होने की तारीख का पता न ये मालूम मरा कब, उसकी ज़िंदगी के बारे में कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता, 27 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई, शोहरत भी मिली तो दुनिया को छोड़ने के बाद, कैसे रॉबर्ट जॉनसन ने संगीत की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया और उसके शैतान से जुड़ा किस्सा क्या है, सुनिए एक बखत की बात में, नितिन ठाकुर के साथ. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्सिंग- कपिल...
Published 04/10/24
पहले बांधना, फिर टॉर्चर और आख़िर में क़त्ल और सबकुछ के बाद पुलिस को इसकी सूचना देना, ये इस सीरियल किलर का तरीका था. अपनी सेक्सुअल फैंटसी के लिए BTK ने कई महिलाओं को बेरहमी से मारा था, उसकी वजह से पूरा शहर दशकों तक दशहत में रहा BTK आज भी नहीं पकड़ा जाता, अगर उसने ख़ुद एक ग़लती न की होती, पुलिस के जाल में नहीं फंसता अगर उनके झूठे वादे पर भरोसा कर टेक्नॉलिजी का इस्तेमाल न किया होता. उसकी पहचान कभी न खुलती अगर उसने ईगो न पाला होता, ‘एक बखत की बात’ में सुनिए 30 सालों तक पुलिस से चूहे-बिल्ली का खेल...
Published 03/27/24
नेशनल हैराल्ड का दिल्ली ऑफ़िस में एडिटर खुशवंत सिंह के पास एक लिफ़ाफ़ा आया उसमें कुछ फ़ोटोग्राफ़्स थे, फ़ोटो में एक लड़के और लड़की की इंटिमेट मोमेंट्स उतारे गए थे. खुशवंत सिंह उन फ़ोटोज़ के साथ इंदिरा गांधी के पास ले गए. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर यदि ये फ़ोटो अगर फोटो में दिख रहा लड़का देश की रक्षा मंत्री का बेटा न होता, यदी ये फोटो लीक होकर अख़बारों तक नहीं पहुंची होती, यदि बाबू जी कहे जाने वाले जगजीवन राम शायद 80 की दशक में देश को पहला दलित प्रधानमंत्री मिल जाता, 'एक बखत की बात...
Published 03/13/24
अगर ह्यू हेफ़्नर को उसके ड्रीम जॉब में बस 5 डॉलर और मिल जाता तो शायद न 200 मिलियन डॉलर का अंपायर खड़ा होता और न दुनिया की सबसे मशहूर कंपनी प्लेबॉय बनती और न ही दुनिया बो टाई पहने रैबिट लोगो को कभी नहीं देख पाती, प्लेबॉय मैगज़ीन के बनने से बिगड़ने तक का किस्सा, सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
Published 02/28/24
मुंबई शहर में अब दो स्टेडियम हैं, वानखेड़े और ब्रेबॉर्न. ये तब की बात है जब एस. के. वानखेड़े बॉम्बे क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष थे, जो उस वक्त शहर में क्रिकेट को कंट्रोल करता था और विजय मर्चेंट क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष थे, जिसके पास शहर का अकेला स्टेडियम था, ब्रेबॉन स्टेडियम. जब भी BCA को बंबई में कोई मैच ऑर्गनाइज़ कराना होता था वो CCI के पास दरख्वास्त लेकर जाता. दोनों के बीच टिकट के बंटवारे को लेकर झगड़ा था और ये झगड़ा इतना बढ़ गया कि वानखेड़े ने अलग स्टेडियम बनाने की ज़िद्द ठान...
Published 02/14/24
पृथ्वीराज चौहान के बाद 350 साल बीते तब जाकर दिल्ली की गद्दी पर एक हिन्दू राजा बैठा. नाम था हेमचंद्र विक्रमादित्य जो 22 युद्धों को जीतकर दिल्ली पहुंचा था. राजा बनने से पहले वह एक नमक व्यापारी हुआ करता था और दिल्ली की तख़्त पर बैठने के महीनेभर बाद वो ज़िंदगी की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ने पानीपत पहुंचा. हेमू की सेने के पराक्रम के सामने पस्त होती मुग़ल सेना के बीच से एक तीर चली और पूरी बाज़ी पलट गई. इस तीर के नोक पर किसी की मौत तो नहीं लिखी थी पर जो लिखी थी वो थी हिन्दुस्तान की नियति, सुनिए नितिन...
Published 01/31/24
इटली के फरुचिओ लैंबॉर्गिनी दूसरे विश्व युद्ध के दौरान विदेशी धरती पर क़ैद में थे. जंग ख़त्म होने के बाद अपने देश वापस आकर ज़ीरो से शुरुआत की, ट्रैक्टर बनाने लगे. दौलत-शोहरत सब कमाया. फिर एक दिन फरुचिओ को फ़रारी के सर्विस सेंटर जाना पड़ा और वहां उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे लग्ज़री स्पोर्ट्स कार इंडस्ट्री में कहानी शुरू होती है लैंबॉर्गिनी बनाम फ़रारी की, सुनिए ये मज़ेदार किस्सा, नितिन ठाकुर से ‘एक बखत की बात’ में. प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
Published 01/17/24
एक शख़्स जो कभी खेल के मैदान पर भी नहीं उतरा लेकिन उसने बिना बल्ला या बॉल पकड़े क्रिकेट को इतना बदल दिया, जितना कभी कोई खिलाड़ी नहीं बदल पाया, वो भी बस एक ज़िद्द की ख़ातिर, ज़िद्द भी खेल के लिए नहीं, बिज़नेस के लिए… कैरी पैकर की ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट बोर्ड से एक डील नहीं बनी तो उसने वर्ल्ड क्रिकेट को ही हाईजैक कर लिया, सुनिए किस्सा ‘एक बखत की बात’ में नितिन ठाकुर से.  प्रोड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह
Published 01/03/24
एक बखत की बात है- दुनिया अपनी रफ़्तार से चल रही थी. औद्योगिक क्रांति के बाद यूरोपियन देशों के पास पैसा और असलहे- बारूद की कमी नहीं थी. सभी देशों के भीतर अपनी धाक जमाने और ताकत आज़माने की ललक थी. इसके लिए तमाम ताक़तवर मुल्क बस एक मौक़े की इंतज़ार में थे. तभी एक दिन बोस्निया की राजधानी में ऑस्ट्रिया-हंगरी के प्रिंस आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की गाड़ी ने रॉन्ग टर्न लिया और वर्ल्ड वॉर की नींव पड़ गई. 5 साल तक चले इस विश्वयुद्ध में 1 करोड़ 70 लाख से ज्यादा जानें चली गईं. तो 'एक बखत की बात' के दूसरे...
Published 12/20/23
एक बखत की बात है- भारत पर अंग्रेज़ों का राज़ था. यहां के बड़े बड़े होटलों में Indians और Dogs allowed नहीं थे. ऐसे ही एक बार बड़े उद्योगपति जमशेद जी टाटा को अपमान झेलना पड़ा और उसी वक़्त उन्होंने ठान लिया कि एक ऐसा आलीशान होटल बनाना है, जिसे दुनिया याद रखेगी. आज उस होटल का नाम दुनिया के सबसे मशहूर होटलों में शुमार है. देश-दुनिया की कई नामी गिरामी हस्तियों की मेज़बानी करने वाले और कई ऐतिहासिक घटनाओं के गवाह रहे Hotel Taj की कहानी, सुनिए पहले एपिसोड में नितिन ठाकुर से. प्रड्यूसर: कुंदन कुमार साउंड...
Published 12/06/23