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देश भी अक्सर अलग अलग सेक्टर्स में आपसी सहयोग का लिए साथ आते हैं और ऐसे ग्रुप्स बनाते हैं जिन्हें इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशंस या ग्रुप कहा जाता है. ऐसी ही एक इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन हर साल चर्चा में आती है और इस ग्रुप का नाम है ब्रिक्स. लेकिन आखिर इस संस्था का काम क्या है? इसका नाम यही क्यों पड़ा? इसमें कौन कौन से देश हैं? सुनिए सारे सवालों के जवाब ‘ज्ञान ध्यान’ में.
Published 10/23/24
ड्रोन्स का उपयोग युद्ध में कैसे बदल रहा है, और इसके क्या फायदे और नुकसान हैं? यूक्रेन और गाज़ा में ड्रोन्स के इस्तेमाल के पीछे क्या रणनीतिक कारण हैं? क्या आपको लगता है कि ड्रोन्स की तकनीक युद्ध को अधिक प्रभावशाली या अधिक खतरनाक बना रही है? ड्रोन्स के उपयोग से नागरिकों की सुरक्षा को लेकर आपके क्या विचार हैं? क्या आपको लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ड्रोन्स के उपयोग पर नए कानून बनाने की जरूरत है? क्यों? इन सवालों का जवाब ढूंढेंगे आज के ज्ञान ध्यान में. साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत
Published 10/20/24
कहां पैसा देना है और कहां जेब बंद रखनी है ये बहुत ज़रूरी सवाल है. इसी जुगत से ही एक सवाल अक्सर उठता है कि जब हम रोड टैक्स दे रहे हैं तो टोल टैक्स क्यों दें? ऐसे में ये सवाल भी ज़रूरी है कि दोनों टैक्स का मतलब क्या है और ये दोनों एक-दूसरे से कितने अलग है? सुनिए इन सवालों के जवाब ‘ज्ञान ध्यान’ में
Published 10/19/24
दुनिया कई देशों में अभिवादन करने के कई अलग-अलग तरीके हैं. जैसे अरब कंट्री में हाथ चूमने की परम्परा है. फ्रांस में गाल पर किस करने का रिवाज है. ये तो हुई आम लोगों की बात लेकिन खास लोग, जो इस दुनिया के नियम कानून तय करते हैं. यानी दो देशों के नेता या उनके रिप्रेंटेटिव ब्यूरोक्रेट्स अभिवादन का क्या तरीका अपनाते हैं. दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबध हो तो एक-दूसरे को हग करते हैं. नहीं तो हाथ मिलने से भी काम चला लिया जाता है तो हैंडशेक की शुरूआत कैसे हुई, इसके पीछे का रिसर्च क्या कहता है और कब-कब...
Published 10/18/24
स्कूल में आपने पढ़ा होगा फलाना कंपनी महारत्न है. भारत सरकार ने सेंट्रल पब्लिक सेक्टर के कंपनियों को तीन कैटेगरी में बांट रखा है- महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न, इसके क्या फ़ायदे हैं, तय कैसे होता है, अभी किन कंपनियों को ये दर्जा मिला हुआ है और इसकी शुरुआत कैसे हुई थी, सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. प्रड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
Published 10/17/24
आपने अक्सर सुना होगा कि भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. अक्सर सुना होगा कि जब 4 आदमी मिलकर किसी जगह तोड़फोड़ कर रहे तो जल्द ही वो 4 से 14 हो सकते हैं. अकेला आदमी सामाजिक पाबंदियों को तोड़ने से घबराता है लेकिन भीड़ बेकाबू हो जाती है.दूसरी ओर एक और चीज़ देखने को मिलती है कि अक्सर सड़क पर हिंसा हो रही होती है और पास खड़ी भीड़ कुछ नहीं करती बल्कि खड़ी-खड़ी पूरी घटना को घटते हुए देखती रहती है.मनोवैज्ञानिक कहते है कि ऐसा Byestander Effect के कारण होता है. तो आज के एपिसोड मे आपको बताते हैं कि दरअसल ये...
Published 10/16/24
आजकल रिश्तों में कई नए टर्म्स आ गए हैं, जैसे सिचुएशनशिप, बेंचिंग, ब्रेडक्रमबिंग, और कफिंग. इन्हीं में से एक है "पॉकेटिंग" जिसका मतलब जेबकतरी नहीं, बल्कि रिश्ते का एक स्टेज या ट्रेट है. इसमें आपका पार्टनर आपको अपनी दुनिया से दूर रखता है, यानी अपने दोस्तों या परिवार से नहीं मिलवाता. क्या ये अच्छा है या बुरा? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में. प्रड्यूसर- कुंदन साउंड मिक्स- नितिन रावत
Published 10/13/24
रतन टाटा का अंतिम संस्कार हो चुका है. पारसियों के पारंपरिक दखमा की बजाय उनका इलेक्ट्रिक अग्निदाह किया गया. पारसी धार्मिक मान्यताओं से जुड़े रतन टाटा का अंतिम संस्कार ऐसे क्यों हुआ और पारसियों में अंतिम संस्कार कैसे होता है? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में.
Published 10/12/24
आम आदमी के लिए रतन टाटा ने एक कार का सपना देखा. टाटा ग्रुप की ये कार लखटकिया के नाम से भी मशहूर हुई. गांव-गांव में इसको लेकर लोगों में जिज्ञासा थी. रतन टाटा ने अपने इस सपने को कई बार लोगों से साझा भी किया था. लेकिन उनका ये सपना….जो टाटा नैनों कार के रूप में साकार हुआ. कैसे हकीकत बना, इसमें क्या-क्या फीचर थे, इस सपने को पूरे करने में क्या मुश्किलें आयी और क्यों ये आखिर में टाटा के लिए बुरा सपना साबित हुआ? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : नितिन रावत
Published 10/11/24
आज के वक्त में बच्चा-बच्चा रतन टाटा को टाटा कंपनी के चेयरपर्सन के रूप में जानता है. लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उन्हें ये कुर्सी छोड़ दी और सायरस मिस्त्री को कंपनी की कमान सौंपी. फिर ऐसा क्या हुआ दोबारा से रतन टाटा को रिटायरमेंट से वापस बुला कर चेयरपर्सन पर बैठाया गया, रतन टाटा ने अपनी दूसरी पारी में क्या अलग किया, सुनिए ‘ज्ञान ध्यान’ में
Published 10/10/24
कई बार अगर किसी की शर्ट का कलर अच्छा लग जाए तो भी मन करता है कि शर्ट स्वैप हो जाए. मगर क्या आप जानते हैं कि कई देश आपस में अपनी करेंसी यानि करेंसी स्वैप करते हैं? जी हां बिलकुल. सुनने में अजीब लगता है न? मगर असल में उतना अजीब नहीं है बस एक बार समझना पड़ेगा कि ये होता क्या है? देश क्यों इसका इस्तेमाल करते हैं और आखिर ये कितने हद तक फायदेमंद होता है? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में.
Published 10/09/24
ज्ञान ध्यान के इस एपिसोड में हम आदतों के मनोविज्ञान पर चर्चा करते हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आदतें कैसे बनती हैं और उन्हें बदलना क्यों मुश्किल होता है? हम समझेंगे कि छोटी-छोटी आदतें हमारे व्यवहार का हिस्सा कैसे बन जाती हैं? क्या आप अपनी आदतें सुधारना चाहते हैं? जानिए Cue-Routine-Reward साइकिल के बारे में और कैसे आप अपने ट्रिगर्स को पहचानकर नई और अच्छी आदतें बना सकते हैं। साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत
Published 10/06/24
मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है पार्टनर से प्रेम उतना ही अधिक होता है. मेंहदी, जो भारतीय संस्कृति में सौंदर्य और शुभता का प्रतीक है, सदियों से हमारी जीवनशैली का हिस्सा रही है. क्या आपने कभी सोचा है कि इस साधारण दिखने वाले हरे पत्ते को पीसकर जब शरीर पर लगाया जाता है, तो ये लाल रंग में क्यों बदल जाता है या फिर किसी पर इसका रंग हल्का तो किसी पर गाढ़ा कैसे चढ़ जाता है? मेंहदी का इस्तेमाल और कहां किया जाता है? सुनिए ज्ञान-ध्यान के इस एपिसोड में.
Published 10/05/24
बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा है, और ये हाहाकार कोई पहली बार नहीं मचा है. बिहार में हर साल बाढ़ आती है. जान-माल का भारी नुकसान होता है. बाढ़ राहत के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं. लेकिन सैलाब फिर भी नहीं थमता. आखिर बिहार में बाढ़ की ये स्थिति क्यों है, इसका कारण क्या है, इसके पीछे क्या नेपाल एक वजह है और क्या इसका कोई समाधान भी है? सुनिए आज के ‘ज्ञान ध्यान’ में. प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : सचिन
Published 10/04/24
जब हम सड़क पर निकलते हैं तो हमें ट्रकों पर बहुत कुछ लिखा दिखता है. भगवान के नाम, बच्चों के नाम और मां का प्यार जैसी चीज़ें लिखी होती हैं, लेकिन आपने एक चीज़ ज़रूर नोटिस की होगी, ज्यादातर ट्रकों के पीछे बड़े अक्षरों में ‘Horn OK Please’ लिखा जाता है. ये ऐसी कोई चलती फिरती बात नहीं है, इसका इतिहास भी है, सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. साउंड मिक्स- नितिन रावत
Published 10/03/24
जब भी आपने कोई वॉर फिल्म देखी होगी तो भीषण जंग से पहले आपने बीच-बीच में एक सायरन की आवाज ज़रूर सुनी होगी. इन्हें वॉर साइरन कहते हैं. मगर सवाल आता है इन्हें कंट्रोल कौन करता है? ये बजते कैसे हैं? ये क्यों बजाए जाते हैं और क्या हर देश में एक ही तरह के सायरन इस्तेमाल होते हैं? सुनिए इन सवालों के जवाब ‘ज्ञान ध्यान’ में.
Published 10/02/24
सपने हम सब को आते है पर क्या आपने कभी सोचा है कि सपने क्यों आते हैं? क्या ये हमारे डर और इच्छाओं का संकेत होते हैं? क्या सपने हमारी असली भावनाओं को दर्शाते हैं? अच्छे सपने कैसे आते है और इन्हें बेहतर कैसे बनाया जा सकता है. सुनिए ज्ञान ध्यान के इस एपिसोड में. साउंड मिक्सिंग - नितिन रावत
Published 09/29/24
फलों का राजा आम होता है या अनानास लोगों में इस बात को लेकर मतभेद है लेकिन अनानास खाने पर गले में झुनझुनी होती है इस बात पर किसी को मतभेद नहीं है. अनानास खाने के बाद गले में झुनझुनी होना आम बात है. लेकिन ऐसा होता क्यों है? ऐसा कितनी देर तक होता है? किन लोगों को अनानास खाने से बचना चाहिए? खाने के अलावा अनानास और कहां-कहां इस्तेमाल होता है? सुनिए ज्ञान-ध्यान के इस एपिसोड में.
Published 09/28/24
इजरायल ने मिडिल ईस्ट में इन दिनों इतने बम मारे हैं कि पूरा इलाका धुंआ-धुंआ हो गया है. एक के बाद एक हमले से मीडिल ईस्ट में दहशत और तबाही का मंजर है. लेबनान में हिजबुल्लाह के सैकड़ों लड़ाके मारे गए हैं और हजार से ज्यादा ठिकाने नेस्तनाबूद हो गए हैं. उधर फिलिस्तीन में हमास के खिलाफ इजरायल की हालिया जंग करीब एक साल से चल ही रही है. यमन में हूतियों के खिलाफ इजरायल लगातार हमले कर ही रहा है. तो इजरायल के खिलाफ मुख्य रूप से मीडिल ईस्ट में कौन-कौन से आतंकी संगठन एक्टिव हैं, इनकी फंडिग कैसे होती है और...
Published 09/27/24
अर्थव्यवस्था को मांपने के कई तरीके होते हैं. बर्गर, लिपस्टिक, स्कर्ट जैसी चीज़ें भी बताती हैं कि देश की करेंसी कैसी चल रही है, स्कर्ट की लंबाई का बेरोज़गारी से क्या रिश्ता है और लिपस्टिक से कैसे पता चलता है मंदी आने वाली है. कब ये इंडेक्स सही साबित होते हैं और कब ग़लत, सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. प्रड्यूस- कुंदन साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी
Published 09/27/24
जब जब कोई नया व्यक्ति शेयर मार्केट के भंवर में कदम रखता है तो अक्सर उसकी जेब में थोड़े से पैसे और दिमाग में ढ़ेर सारे डर होते हैं. डर कि कहीं पैसा लुट न जाए, डर कि कहीं ऐसा न हो कि खरीदा हुआ शेयर धड़ाम हो जाए. मगर उम्मीद एक ही होती है, अच्छे रिटर्न की. और इसलिए भारत में Algo Trading का ट्रेंड बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. लेकिन दरअसल ये Algo Trading काम कैसे करती है? और क्या वाकई इसमें हाई रिटर्नस गारंटीड होते हैं? सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में प्रड्यूसर: मानव देव रावत साउंड मिक्स: नितिन रावत
Published 09/25/24
फिल्मों में बोल्ड सीन कैसे शूट होते हैं, क्या आपने कभी सोचा है? इंटीमेसी कोऑर्डिनेटर कौन होते हैं और उनका काम क्या होता है? क्या आपको पता है कि एक्टर्स को सीन के दौरान कैसे कंफ़र्टेबल किया जाता है? क्या ये सीन वास्तव में उतने ही रियल लगते हैं जितने हम देखते हैं? पुराने जमाने में इन सीन को कैसे फिल्माया जाता था? सुनिए ‘ज्ञान ध्यान' में प्रड्यूसर : अंकित द्विवेदी साउंड मिक्सिंग : नितिन रावत
Published 09/22/24
मान्यताओं के इस देश में प्रसाद भी आस्था और विश्वास का मेल होता है. तिरुपति बालाजी का लड्डू प्रसादम भी ऐसा ही है. लोग भगवान वेंकटेश का दर्शन कर इस प्रसाद के लिए भी घंटों इंतजार करते हैं. क्या है इस लड्डू की मान्यता? कब से ये प्रसाद के रूप में मिल रहा है? कहां बनता है? कौन बनाता है? और इसके लिए रॉ मैटेरियल कैसे आता है? सुनिए आज के ज्ञान-ध्यान में.
Published 09/21/24
देश में हजारों रोड एक्सीडेंट्स होते हैं और इनमें हज़ारों लोगों की जान जाती है। सड़क पर ज़रा सी असावधानी ज़िंदगी भर के लिए ऐसी चोट दे जाती है जिसका मरहम नहीं है। 2023 में, इंडिया में 1.55 लाख से ज़्यादा लोग रोड एक्सीडेंट्स की वजह से अपनी जान खो बैठे। सोचिए, एक खुश परिवार, एक प्यारा दोस्त, या एक सपना, सिर्फ एक पल में चला जाता है। इसलिए, यह समझना बहुत ज़रूरी है कि रोड पर गाड़ी चलाते वक्त वो कौन सी सावधानियां हैं जिन का ख्याल रखना ज़रूरी है खासकार सड़क पर दिखने वाले जो साइन बोर्ड्स होते हैं उनका...
Published 09/20/24
ये है आज तक रेडियो और इसे विडंबना मानिए ये इत्तेफाक़ हम रेडियो स्टेशन नहीं हैं, हम पॉडकास्ट बनाते हैं. क्योंकि हमारे नाम में रेडियो जुड़ा है तो हमारी ज़िम्मेदारी बन जाती है कि बताए कि आखिर ये रेडियो किस तकनीक पर काम करता है और रेडियो waves में अंतर क्या होता है, गाड़ियों में सिर्फ़ FM Radio ही क्यों होते हैं, सुनिए 'ज्ञान ध्यान' में. प्रड्यूस- कुंदन साउंंड मिक्स- नितिन रावत
Published 09/19/24