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Greetings to all our listeners,
Welcome to this special episode of our podcast 'Hindi Stories.' The land of Rajasthan has long been renowned for its rich cultural heritage, and one of the most precious elements of this heritage is its folk songs. These songs not only preserve our traditions and beliefs but also connect us with the stories, emotions, and lifestyles of our ancestors.
In Rajasthan, there is a long tradition of folk songs. These songs are sung during festivals, weddings, and...
Published 06/06/24
Dear listeners,
Welcome to our special episode on our YouTube podcast. Today, we bring you a unique experience that will fill your hearts with pride and patriotism. We are honored to have the esteemed and talented Shri Ratan Singh Ji Hooda as our special guest.
Shri Ratan Singh Ji Hooda has lent his melodious voice and distinctive style to the patriotic song 'Ae Mere Watan Ke Logon.' This song is dedicated to the brave soldiers of our country who sacrificed their lives for the defense of...
Published 06/01/24
नमस्कार श्रोताओं,
'हिंदी कहानियां' पॉडकास्ट में आपका हार्दिक स्वागत है। हमारे स्टूडियो की घड़ी में इस समय रात के आठ बजकर पंद्रह मिनट हो रहे हैं। पूरा प्रदेश इस समय भीषण गर्मी की चपेट में है। अपने आप को गर्मी और लू से बचाकर रखें। कल के एपिसोड में इसी समय हम स्वास्थ्य विशेषज्ञों से 'लू से बचाव और उपाय' विषय पर उनके विचार सुनवाएँगे। इस भीषण गर्मी में ह्रदय को शीतलता प्रदान करने के लिए आज के इस एपिसोड में, हम आपके लिए फिर से एक अनूठी प्रस्तुति लेकर आए हैं। एक बार फिर आपको हमारे खास मेहमान,...
Published 05/30/24
नमस्कार श्रोताओं,
'हिंदी कहानियां' पॉडकास्ट में आपका हार्दिक स्वागत है। आज के इस विशेष एपिसोड में, हम आपके लिए एक अनूठी प्रस्तुति लेकर आए हैं। आज हम आपको एक भूतपूर्व सैनिक की सुरीली आवाज में एक खूबसूरत राजस्थानी गीत सुनाने जा रहे हैं।
इस गीत के बोल हैं 'म्हाने सुरगा सूं बुलाओ आगो है' और इसे अपनी मर्मस्पर्शी आवाज़ में गाया है श्री रतन सिंह हुड्डा ने। उनकी गायिकी में राजस्थान की मिट्टी की खुशबू और उनके अनुभवों की गहराई है।
हम उम्मीद करते हैं कि यह गीत आपके दिल को छू जाएगा। गाना सुनने...
Published 05/24/24
नमस्कार श्रोताओं,
स्वागत है आपका 'हिंदी कहानियां' पॉडकास्ट चैनल में। काफी लंबे समय के बाद आज हम आपको एक विशेष प्रस्तुति के साथ हाज़िर हैं। इस एपिसोड में हम आपके लिए लेकर आए हैं एक 75 वर्षीय बुजुर्ग की आवाज में पुरानी हिंदी फिल्म का एक अमर गीत।
फिल्म का नाम है 'भाभी' और इस में गाने को अपनी सुरीली आवाज़ दी थी महान गायक मोहम्मद रफ़ी साहब ने। इस खास मौके पर हमारे अतिथि हैं श्री रतन सिंह हुड्डा, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज़ में इस गीत को पुनः जीवंत किया है।
हम आशा करते हैं कि आपको यह...
Published 05/24/24
नमस्कार श्रोताओं आज की पॉडकास्ट हम उन बच्चों के लिए लेकर आए हैं जो 11th पास करके 12th में आ चुके हैं, और साइंस स्ट्रीम से है। तो उनके लिए आगे कैरियर के क्या क्या ऑप्शन है ? किस तरह से उनको तैयारी करनी चाहिए ताकि वह अपने लक्ष्य में सफल हो सके। तो आइए सुनते हैं आज की पॉडकास्ट में इन सारी बातों को। आप श्रोताओं से पॉडकास्ट का फीडबैक भी जानना चाहेंगे तो आप अपना फीडबैक हमें जरूर भेजें धन्यवाद।
Hello listeners, we have brought today's podcast for those children who have passed 11th and have come...
Published 05/23/23
नमस्कार श्रोताओं ! काफी दिनों के बाद हम एक नई पॉडकास्ट आप श्रोताओं के लिए लेकर आए हैं। आज की पॉडकास्ट में हम आपके सामने हमारी यंग जनरेशन जो अभी 10th और 12th की एग्जाम पास करके आगे की क्लासों में आ गई है .उनके फ्यूचर के बारे में है और उम्मीद है आपको इस पॉडकास्ट से बहुत ही सहायता मिलेगी, अपने फ्यूचर को सवारने में और उन माता-पिता ओं को भी सहायता मिलेगी जो अपने बच्चों को लेकर चिंतित रहते हैं। तो आइए सुनते हैं, आज की पॉडकास्ट
Hello listeners! After a long time we have brought a new podcast for...
Published 05/22/23
आज की यह पोड कास्ट है एक चुने हुए जनप्रतिनिधि और पुलिस इंस्पेक्टर के बीच। आपको इस पॉडकास्ट को सुनकर और कमेंट करके यह बताना है कि इसमें किसकी गलती है। यहां पर गलती कौन कर रहा है और उस पर आपके क्या विचार हैं?
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Published 05/08/23
नमस्कार श्रोताओ ! आज की पॉडकास्ट में आपको जयपुर के 10 प्रमुख पर्यटक स्थलों की जानकारी दे रहे हैं। अगर आपको हमारी पॉडकास्ट पसंद आती है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं और अगर आपका पॉडकास्ट से संबंधित कोई भी सवाल है या जयपुर के पर्यटक स्थलों के बारे में कुछ और जानकारी जानना चाहते हैं तो भी आप कमेंट करके हमें पूछ सकते हैं हम आपके हर कमेंट का जवाब देंगे।
Hello listeners! In today's podcast, we are giving you information about 10 major tourist places of Jaipur. If you like our podcast, then do tell...
Published 02/14/23
प्यारे श्रोताओं आज के इस एपिसोड में हम आपको शेखावाटी होली धमाल सुनवाने जा रहे हैं। तो आइए होली धमाल का आनंद लेते हैं।
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Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-kahani/message
Published 02/05/23
हम अखबार पढ़ते हैं ताकि कोई निंदा रस मिल जाए जरा किसी की निंदा हो रही हो तो हम चौकन्ने होकर सुनने लगते हैं कैसे ध्यान मग्न हो जाते हैं अगर कोई आकर बताएं कि पड़ोसी की स्त्री किसी के साथ भाग गई है बस दुनियादारी भूल जाते हैं उस बात पर इतना ध्यान लगाते हैं कि उससे और पूछते हैं खुद खुद के पूछने लगते हैं कि कुछ और तो कहो कुछ आगे तो बताओ विस्तार से बताओ जरा ऐसे संक्षिप्त न बताओ कहां भागे जा रहे हो पूरी बात बता कर जाओ बैठो चाय पी लो हम उसके लिए पलक पावडे बिछा देते हैं अपने बच्चों को कहते हैं कुर्सी...
Published 02/01/23
“मैं उसके बिना जिन्दा नहीं रह सकती!” उन्होंने फैसला किया।
“तो मर जाओ!” जी चाहा कह दूँ। पर नहीं कह सकती। बहुत से रिश्ते हैं, जिनका लिहाज करना ही पड़ता है। एक तो दुर्भाग्य से हम दोनों औरत जात हैं। न जाने क्यों लोगों ने मुझे नारी जाति की समर्थक और सहायक समझ लिया है। शायद इसलिए कि मैं अपने भतीजों को भतीजियों से ज्यादा ठोका करती हूँ।
खुदा कसम, मैं किसी विशेष जाति की तरफदार नहीं। मेरी भतीजियाँ अपेक्षाकृत सीधी और भतीजे बड़े ही बदमाश हैं। ऐसी हालत में हर समझदार उन्हें सुधारने के लिए डाँटते-फटकारते...
Published 01/30/23
बहुत दिनों के बाद बाज़ारों में तुर्रेदार पगड़ियाँ और लाल तुर्की टोपियाँ दिखाई दे रही थीं। लाहौर से आए हुए मुसलमानों में काफ़ी संख्या ऐसे लोगों की थी, जिन्हें विभाजन के समय मजबूर होकर अमृतसर छोड़कर जाना पड़ा था। साढ़े सात साल में आए अनिवार्य परिवर्तनों को देखकर कहीं उनकी आँखों में हैरानी भर जाती और कहीं अफ़सोस घिर आता-- वल्लाह, कटड़ा जयमलसिंह इतना चौड़ा कैसे हो गया? क्या इस तरफ़ के सबके सब मकान जल गए? यहाँ हकीम आसिफ़ अली की दुकान थी न ? अब यहाँ एक मोची ने कब्जा कर रखा है।
और कहीं-कहीं ऐसे भी...
Published 01/21/23
बड़ा बाग़
भारत में राजस्थान राज्य में रामगढ़ के रास्ते पर जैसलमेर से लगभग ६ किलोमीटर उत्तर में एक उद्यान परिसर है। यह जैसलमेर के महाराजाओं के शाही समाधि स्थल या छत्रियों का एक सेट जैसा है, जिसकी शुरुआत जय सिंह द्वितीय के साथ १७४३ ईस्वी में की थी।
इतिहास
राज्य के संस्थापक और जैसलमेर राज्य के महाराजा, जैत सिंह द्वितीय (१४९७-१५३०), महारावल जैसल सिंह के वंशज, १६वीं शताब्दी में उनके शासनकाल के दौरान एक पानी की टंकी बनाने के लिए एक बांध बनाया था। इससे इस क्षेत्र में रेगिस्तान हरा हो गया।
उनकी...
Published 01/13/23
जैसलमेर दुर्ग स्थापत्य कला की दृष्टि से उच्चकोटि की विशुद्ध स्थानीय दुर्ग रचना है। ये दुर्ग २५० फीट तिकोनाकार पहाडी पर स्थित है। इस पहाडी की लंबाई १५० फीट व चौडाई ७५० फीट है।
रावल जैसल ने अपनी स्वतंत्र राजधानी स्थापित की थी। स्थानीय स्रोतों के अनुसार इस दुर्ग का निर्माण ११५६ ई. में प्रारंभ हुआ था। परंतु समकालीन साक्ष्यों के अध्ययन से पता चलता है कि इसका निर्माण कार्य ११७८ ई. के लगभग प्रारंभ हुआ था। ५ वर्ष के अल्प निर्माण कार्य के उपरांत रावल जैसल की मृत्यु हो गयी, इसके द्वारा प्रारंभ कराए गए...
Published 01/11/23
कहानी बहुत छोटी सी है मुझे ऑल इण्डिया मेडिकल इंस्टीटयूट की सातवीं मंज़िल पर जाना था। अाई०सी०यू० में गाड़ी पार्क करके चला तो मन बहुत ही दार्शनिक हो उठा था। क़ितना दु:ख और कष्ट है इस दुनिया में...लगातार एक लड़ाई मृत्यु से चल रही है...अौर उसके दु:ख और कष्ट को सहते हुए लोग -- सब एक से हैं। दर्द और यातना तो दर्द और यातना ही है -- इसमें इंसान और इंसान के बीच भेद नहीं किया जा सकता। दुनिया में हर माँ के दूध का रंग एक है। ख़ून और आंसुओं का रंग भी एक है। दूध, खून और आँसुओं का रंग नहीं बदला जा...
Published 12/28/22
कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को हुआ था. उपन्यास और कहानी विधा में उन्होंने जमकर लेखन किया. उनकी प्रमुख कृतियों में डार से बिछुड़ी, मित्रो मरजानी, यारों के यार तिन पहाड़, सूरजमुखी अंधेरे के, सोबती एक सोहबत, जिंदगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, जैनी मेहरबान सिंह जैसे उपन्यास शामिल हैं.
हिंदी साहित्य की महान साहित्यकारा और लेखिका के रूप में जानी जाने वाली कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात और पंजाब के उस हिस्से में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। साहित्य में इनके योगदान के लिए इ.न्हें कई पुरस्कारों व...
Published 12/23/22
कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को हुआ था. उपन्यास और कहानी विधा में उन्होंने जमकर लेखन किया. उनकी प्रमुख कृतियों में डार से बिछुड़ी, मित्रो मरजानी, यारों के यार तिन पहाड़, सूरजमुखी अंधेरे के, सोबती एक सोहबत, जिंदगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, जैनी मेहरबान सिंह जैसे उपन्यास शामिल हैं.
हिंदी साहित्य की महान साहित्यकारा और लेखिका के रूप में जानी जाने वाली कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात और पंजाब के उस हिस्से में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। साहित्य में इनके योगदान के लिए इ.न्हें कई पुरस्कारों व...
Published 12/19/22
कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को हुआ था. उपन्यास और कहानी विधा में उन्होंने जमकर लेखन किया. उनकी प्रमुख कृतियों में डार से बिछुड़ी, मित्रो मरजानी, यारों के यार तिन पहाड़, सूरजमुखी अंधेरे के, सोबती एक सोहबत, जिंदगीनामा, ऐ लड़की, समय सरगम, जैनी मेहरबान सिंह जैसे उपन्यास शामिल हैं.
हिंदी साहित्य की महान साहित्यकारा और लेखिका के रूप में जानी जाने वाली कृष्णा सोबती का जन्म गुजरात और पंजाब के उस हिस्से में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है। साहित्य में इनके योगदान के लिए इ.न्हें कई पुरस्कारों व...
Published 12/16/22
कितनी डरावनी थी वह चांदनी रात नीचे आंगन में तुम्हीं पड़ी थीं बन्नो...चांदनी में दूध-नहायी और पिछवाड़े पीपल खड़खड़ा रहा था और बदरू मियां की आवांज जैसे पाताल से आ रही थी ''कादिर मियां!...बन गया साला पाकिस्तान... ''
दोस्त! इस लम्बे सफर के तीन पड़ाव हैंपहला, जब मुझे बन्नो के मेहंदी के फूलों की हवा लग गयी थी, दूसराजब इस चांदनी रात में मैंने पहली बार बन्नो को नंगा देखा था और तीसरा तब, जब उस कमरे की चौखट पर बन्नो हाथ रखे खड़ी थी और पूछ रही थी ''और है कोई? ''
हां था। कोई और भी था।...कोई।
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Send...
Published 12/10/22
नमस्कार श्रोताओं !
आज के इस एपिसोड में हम सिर्फ अनौपचारिक बात करेंगे हम यह जानना चाहते हैं हमने एपिसोड में पूरी जानकारी दी है कि हमारी पॉडकास्ट कहां-कहां कौन-कौन से प्लेटफार्म पर सुनी जाती है और हम हमारा कांटेक्ट इनफार्मेशन भी आपको प्रोवाइड करवा रहे हैं ताकि आप हमसे कांटेक्ट कर सके जब आपका और हमारा कांटेक्ट बनेगा तो आपके लिए और इंटरेस्टिंग एपिसोड्स हम लेकर के आने वाले हैं जब हमें आपकी रूचि यों का पता चलेगा तो हम उसी अनुसार आपके लिए एपिसोड कास्ट करेंगे।
Hello listeners!
In today's episode,...
Published 12/02/22
Hello Listeners !
Today i gonna introduce you The subjunctive mood verb in Hindi.
Introduction
The subjunctive mood is very common in Hindi.
The titles of many popular movies contain the subjunctive mood, such as:
“जाने तू या जाने न” – “Whether you know it or not”
“कल हो न हो” – “Tomorrow may or may not be”, i.e. there might not be any tomorrow
“रंग दे बसंती” – “Color (me) basanti” (a color signifying a patriotic sacrifice)
If you visit India, you will probably encounter signs...
Published 11/29/22
नमस्ते श्रोताओं आज के इस एपिसोड में हम परिवार की एक सामान्य बातचीत को रिकॉर्ड करके आपको सुना रहे हैं उम्मीद है आपको हमारी यह पॉडकास्ट पसंद आएगी अगर हमारी पॉडकास्ट पसंद आती है तो आप हमें ईमेल पर संपर्क कर सकते हैं और इसी तरह के एपिसोड के लिए हमें लिख सकते हैं हमारा ईमेल एड्रेस है
[email protected]
Hello listeners, in today's episode, we are recording a normal family conversation and broadcasting for you, hope will you like our podcast, if you like our podcast, you can contact us on email...
Published 11/25/22
Hi ! In this podcast we will learn about some Hindi verbs. This podcast is for non Hindi speakers. Intimate Imperative and Formal Imperative
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Send in a voice message: https://anchor.fm/hindi-kahani/message
Published 11/11/22