Description
प्राप्ति पुराणिक वाराणसी की एक उभरती हुई 20 वर्षीय शास्त्रीय और उप-शास्त्रीय संगीत की गायिका हैं।
प्राप्ति , वाराणसी के पंडित देवाशीष डे की शिष्या हैं और शिल्पायन-द म्यूजिक हब में भी सीखती हैं। वह प्रयाग संगीत समिति से छठा वर्ष कर रही है और शैक्षणिक क्षेत्र में वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीए अर्थशास्त्र (ऑनर्स) कर रही है।
पुरस्कार:
1) सेंटर फॉर कल्चरल रिसोर्सेज एंड ट्रेनिंग (सीसीआरटी), भारत सरकार द्वारा जूनियर नेशनल स्कॉलरशिप के प्राप्तकर्ता (वर्ष 2014-15 से)।
2) वर्ष 2017 में शिल्पायन में लेवल टेस्ट 6 को सफलतापूर्वक पास करके उन्होंने "शिल्पयान प्रवीण" की उपाधि प्राप्त की। विदुषी डॉ अश्विनी भिड़े देशपांडे के हाथों पुरस्कार मिला।
3) उन्होंने 2013 में ख्याल में संगीत नाटक अकादमी में बाल वर्ग में पहला और राज्य स्तर पर ठुमरी में तीसरा स्थान हासिल किया।
4) उन्हें 2021 में श्री इंद्रदेव सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स, सिकंदराबाद, तेलंगाना में लाइव प्रदर्शन करके ₹10,000 का नकद पुरस्कार मिला।
प्रदर्शन: (उनमें से कुछ का उल्लेख करते हुए)
️आल इंडिया रेडियो, वाराणसी में कई बार प्रदर्शन किया।
️2012 में दैनिक जागरण के संपादक समारोह पर प्रस्तुति दी।
️2013 में कानपुर के बिल्हौर में "बिल्हौर महोत्सव" में प्रदर्शन किया।
पर्यटन दिवस पर प्रदर्शन किया गया जो 2017 में दशाश्वमेध घाट "बजादा" पर आयोजित किया गया था।
️“सुभ-ए-बनारस”, वाराणसी के मंच पर प्रस्तुति।
️ 2019 में "संगीत संकल्प" द्वारा "काशी संगीत संकल्प" में प्रदर्शन किया।
️ महामारी काल के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठित आभासी प्लेटफार्मों पर प्रदर्शन किया और पूरे भारत के 30 से अधिक विभिन्न पृष्ठों जैसे महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और कई अन्य पर लगभग 30 से अधिक विभिन्न रागों का गायन
भेंटकर्ता : शुभ्रा ठाकुर
नाम- कु.श्रीया झा
माता- श्रीमती अर्चना झा
पिता-श्री उमेश कुमार झा
शिक्षा- B.A.(HONS) -ENG वर्तमान मैं क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बैंगलोर से MA English with communication studies की पढ़ाई जारी है।
शास्त्रीय संगीत -विद (6 वर्षीय)
शौक- गायन,एवम वादन...
Published 12/09/21
निमिषा सिंघल का जन्म बुलंदशहर में हुआ
खुर्जा व मेरठ में शिक्षा दीक्षा हुई ,
शिक्षा : एमएससी, बी.एड,एम. फिल,
सूक्ष्मजैविकी में एम.फिल पूरी करने के बाद शास्त्रीय संगीत में प्रवीण तक का सफ़र तय किया।
आज कल निमिषा जी आगरा में रहती हैं। संगीत के साथ साथ वे समर्थ साहित्यकार और कला(oil painting)...
Published 12/02/21