फ़ैज़ की ग़ज़ल 'गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले' : दोतारा Ep10
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'दो तारा'. कविता को संगीत के साथ पिरोकर Chinmayi Tripathi और Joell Mukherji ने एक अनोखा रंग बुना है. Poetry और Music का यह बेजोड़ मिलन अब से आप सुन सकते हैं आज तक रेडियो पर. आज 'दो तारा' में सुनिए फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की ये ग़ज़ल गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले जिसे आवाज़ दी है मेहदी हसन ने.
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शुभा मुद्गल हिंदुस्तानी म्यूज़िक का एक अहम नाम हैं. उनकी ज़िंदगी के क़िस्सों और खूबसूरत गायकी को समेटा हमनें 'गज़लसाज़' के इस खास सीज़न में. सुनिए इस सीज़न का आख़िरी एपिसोड. इस एपिसोड में बात हुई हैं शुभा मुद्गल की ज़िंदगी के संघर्ष की, वो क्या मानती हैं पुराने दौर की महिलाओं के संघर्ष के बारे...
Published 03/20/22
Published 03/20/22
शुभा मुद्गल की ख़ासियत यही है कि उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज़ से सजाया वो चाहे कितने भी सिंगर्स ने पहले गाया हो लेकिन फिर वो उन्हीं का होकर रह गया। आज भी उनके गाए हुए पुराने गीत जब गूंजते हैं तो गुज़रा हुआ दौर उनकी आवाज़ में लिपटकर आंखों के सामने आ जाता है। शुभा मुद्गल के कुछ ऐसे ही गीतों को...
Published 03/06/22