Description
हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बंटवारे वाले साल में पैदा हुई रेशमा को ज़िंदगीभर ये मलाल रहा कि उनकी रेतीली ज़मीन राजस्थान सरहद से बंट गयी। इंदिरा गांधी से एक मुलाकात में उन्होंने कहा था कि अगर मेरा दूसरा जन्म हो तो मैं फिर से इसी मिट्टी में पैदा होना चाहती हूं। सुनिए रेशमा की ज़िदगी के ऐसे ही कुछ सुने-अनसुने क़िस्से जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से और कुछ चुनिंदा गज़लें रेशमा की आवाज़ में, सिर्फ गज़लसाज़ में
शुभा मुद्गल हिंदुस्तानी म्यूज़िक का एक अहम नाम हैं. उनकी ज़िंदगी के क़िस्सों और खूबसूरत गायकी को समेटा हमनें 'गज़लसाज़' के इस खास सीज़न में. सुनिए इस सीज़न का आख़िरी एपिसोड. इस एपिसोड में बात हुई हैं शुभा मुद्गल की ज़िंदगी के संघर्ष की, वो क्या मानती हैं पुराने दौर की महिलाओं के संघर्ष के बारे...
Published 03/20/22
शुभा मुद्गल की ख़ासियत यही है कि उन्होंने जिस गीत को अपनी आवाज़ से सजाया वो चाहे कितने भी सिंगर्स ने पहले गाया हो लेकिन फिर वो उन्हीं का होकर रह गया। आज भी उनके गाए हुए पुराने गीत जब गूंजते हैं तो गुज़रा हुआ दौर उनकी आवाज़ में लिपटकर आंखों के सामने आ जाता है। शुभा मुद्गल के कुछ ऐसे ही गीतों को...
Published 03/06/22