Episodes
भारत चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश बन गया है। लेकिन उपभोक्ताओं की बड़ी जनसँख्या के बावजूद क्यों भारत विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने में पीछे छूट रहा है? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए आज हम नज़र डालेंगे भारत और चीन के कंसम्पशन ट्रेंड्स पर।  इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं तक्षशिला इंस्टीट्यूशन से जुड़े स्टाफ रिसर्च एनालिस्ट अमित कुमार, जो भारत और चीन की खपत पर अपनी रिसर्च हमारे साथ साझा करते हैं। आइये, आप भी शामिल हो जाईये इस चर्चा में।   India has...
Published 11/21/24
हम सफर क्यों करते हैं? जब हम अपने घर या शहर में रहते हैं, तो एक ही नज़रिये से दुनिया को देखने की आदत पड़ जाती है। सफर हमें मौका देता है कि हम अपने पुराने चश्मे उतारकर, दुनिया को एक नए नज़रिये से देखने की कोशिश करें। सफर का मतलब ही यह होता है कि हम अपनी आम ज़िन्दगी की उलझनों को थोड़ी देर के लिए भूलकर कुछ नया ढूंढने निकलें।  अक्सर हमें यह पता नहीं होता कि सफर में क्या मिलेगा, इसलिए अपनी आंखें और मन खुले रखने पड़ते हैं। जो ऐसा कर पाता है, उसे कुछ कीमती यादें और कभी-कभी नए विचारों के बेशकीमती मोती भी...
Published 11/14/24
पुलियाबाज़ी पर चर्चा में अक्सर ये बात उठती है कि भारत वैज्ञानिक संशोधन में दुसरे देशों की तुलना में कमज़ोर है। पर ऐसा क्यों? इस विषय पर पहले भी FAST, India और Change Engine के को-फाउंडर वरुण अग्गरवाल के साथ पुलियाबाज़ी हुई है। चर्चा को काफ़ी समय हो गया तो हमने सोचा कि इन वर्षों में रिसर्च और इनोवेशन की दुनिया में क्या बदलाव आये हैं इस पर और एक पुलियाबाज़ी हो जाये। पिछली चर्चा में फोकस था सरकारी तंत्र द्वारा प्रोत्साहित संशोधन, और इस बार चर्चा का केंद्र है भारतीय कंपनियों में हो रहा (या कहिये नहीं...
Published 11/07/24
Welcome to another edition of Puliyabaazi! In today’s episode, we dive into the world of data journalism with noted data journalist Rukmini S. She is the founder of Data for India, a public platform aimed at uncovering new insights about India through data. In this conversation, we discuss the current landscape of data journalism in India. Has the quality of Indian data improved over time? What challenges still exist? Can we consider data to be the singular truth, or is it just one point in...
Published 10/31/24
एक वोट, एक मूल्य ये प्रजातंत्र का मूल सिद्धांत है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए, बदलती जनसंख्या के साथ लोकसभा की सीटों का बंटवारा भी बदलने की व्यवस्था हमारे संविधान में की गयी थी। हर दशकीय जनगणना के बाद जनसंख्या के अनुपात में सीटों का बंटवारा होना था। लेकिन, इमरजेंसी के दौरान इस व्यवस्था को पच्चीस सालों के लिए स्थगित कर दिया गया।  २००१ में इस बंटवारे को २०२६ तक टाल दिया गया। अब २०२६ नज़दीक आ रहा है। इसके साथ ही जिन राज्यों में जनसँख्या घटी है, उन राज्यों में लोकसभा के सीटें कम हो जाने का डर...
Published 10/24/24
एंटीबायोटिक की खोज मानव जाति के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण था। इससे इंसानों का जीवनकाल बढ़ा और स्वास्थ्य सेवा में क्रांतिकारी बदलाव आया क्योंकि लोग अब मामूली चोटों और संक्रमणों के कारण नहीं मर रहे थे। लेकिन अब एक नया खतरा मंडरा रहा है - सुपरबग बैक्टीरिया अब तक खोजे गए एंटीबायोटिक्स के प्रति तेजी से प्रतिरोधी होते जा रहे हैं। एंटीबायोटिक प्रतिरोध को तेजी से बढ़ाने वाले कारण क्या हैं? इस छिपी हुई महामारी को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है? माइक्रोबायोलॉजिस्ट और ‘व्हेन द ड्रग्स डोंट वर्क’ के लेखक...
Published 10/17/24
Why is the housing market in India so expensive? Why is buying a house a decision fraught with risk and uncertainty? How can we find clues about the nexus between the builders and the politicians? This week, we speak to Vaidehi Tandel, an urban economist, who has researched into the issues that plague India’s housing market. भारत में घर इतने महंगे क्यों है? घर खरीदना जोखिम और अनिश्चितता से भरा फैसला क्यों है? बिल्डरों और राजनेताओं के बीच सांठगांठ के बारे में सुराग कैसे मिलेंगे? इस सप्ताह...
Published 10/10/24
नमस्कार, जासूसी कथा और कमांडो मिशन के किस्सों में किसे दिलचस्पी नहीं होती। हालिया, आईसी-814 के हाईजैक पर सीरीज़ के चलते ये किस्सा फिर से चर्चा में है, तो हमने सोचा कि क्यों न किसी ऐसे मेहमान से बात की जाए जो खुद इस घटना में शामिल थें। आज की पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं आनंद आरणिजी जो IC-814 की घटना में उन पांच अफसरो में से थे जिन्हें भारत सरकार के द्वारा अपहर्ताओं के साथ बातचीत करने के लिए कंदहार भेजा गया था। आज की पुलियाबाज़ी पर वे अपने इस अनुभव को साझा करते हैं।  आनंद आरणिजी के साथ...
Published 10/03/24
Last week, the long ongoing conflict between Israel and Hezbollah saw an escalation with the blasts of pagers and other communication devices given to the members of Lebanon based political party and terrorist group Hezbollah. As we write this post, this situation is still evolving and it will take some time before the long term consequences of these attacks will be clear. However, the attacks on civilian communication devices have certainly raised serious doubts about the safety and security...
Published 09/26/24
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर चर्चा चीन के बेलगाम उत्पादन की। क्या चीन के अतिरिक्त उत्पादन से दुनियाभर के देशों के उद्योग पर जोखिम मंडरा रहा है? कई देश इस पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं, तो ऐसे में भारत को क्या करना चाहिए? चीन की मैन्युफैक्चरिंग से हम क्या सीख सकते है? इन सब बातों पर चर्चा आज की पुलियाबाज़ी पर।  We discuss: * China’s overcapacity—a structural flaw * Lessons for India? * How should India respond? Readings: Global Policy Watch: The Perils of Decentralisation with Chinese...
Published 09/19/24
इस पुलियाबाज़ी पर हमारे मेहमान हैं जावीद अहमद जी जो उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं, और एक आईपीएस अधिकारी के रूप में विभिन्न भूमिकाओं में काम कर चुके हैं। एक पुलिस अधिकारी को किन हालात में काम करना पड़ता है? उनकी कार्य परिस्थितियाँ कैसी हैं और पुलिस सुधारों की कमी हमारे समाज को कैसे प्रभावित करती है। आज पुलिया पर इन सब बातों पर खुलकर चर्चा।  Join us on this frank puliyabaazi with our guest Javeed Ahmad, Ex-DGP, Uttar Pradesh, as he shares insights from his long career as an IPS...
Published 09/12/24
आज पुलियाबाज़ी की २५०वि कड़ी प्रस्तुत है। इस सफर में हमारे साथ जुड़े रहने के लिए शुक्रिया। इस ख़ास मौके पर चर्चा रोज़गार के विषय पर। भारत में समस्या रोज़गार की है या वेतन की? क्या दिक्कतें है जिनकी वजह से भारत में कृषि सेक्टर से मैन्युफैक्चरिंग की तरफ नौकरियों का स्थानांतरण नहीं हो पाया? भविष्य में नौकरियाँ कहाँ से आएगी? इन सब बातों पर चर्चा TeamLease Services के संस्थापक मनीष सभरवाल जी के साथ। अगर चर्चा पसंद आये तो पुलियाबाज़ी के playlists को ज़रूर सुनें, और अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ शेयर...
Published 09/05/24
प्रिय श्रोतागण, आज 249वी पुलियाबाज़ी पर एक अनूठे विषय पर चर्चा प्रस्तुत है। हम ने लोकनीति, टेक्नोलॉजी और सांस्कृतिक विषयों पर काफ़ी बातचीत की है, लेकिन किसी भी भाषा के साहित्य पर बहुत ज़्यादा चर्चा नहीं हुई है।  अमित बसोले जी के साथ भक्ति मार्ग के विषय पर बात करते वक़्त कुछ भक्ति काव्य की बात हुई थी, पर उस चर्चा में मुख्य विषय अलग था।  आज की चर्चा का विषय अनूठा है क्योंकि हम ऐसे दो विषयों पर बात करेंगे जिन पर आम तौर पर पुलियाबाज़ी पर चर्चा नहीं होती—प्रेम कविता और संस्कृत! चौंक गए ना? अक्सर, हम...
Published 08/29/24
हालिया बजट के बाद कई राज्य सरकारें आंध्र प्रदेश और बिहार राज्य को दिए जा रहे स्पेशल पैकेज के बारे में शिकायत करते हुए पाई गई। पर इससे बड़ा मुद्दा है केंद्र सरकार और राज्यों के बीच वित्तीय वितरण का।  62% राजस्व केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है जब कि राज्य सरकारें 62% खर्चे के लिए जिम्मेदार हैं। यह राजकोषीय असंतुलन राज्यों की अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने की क्षमता को सीमित करता है। आज की पुलियाबाज़ी पर इसे मुद्दे पर प्रणय अपने कुछ सुझाव साझा करते हैं।  We often find state governments...
Published 08/22/24
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘आज़ादी की राह’ के इस ख़ास एपिसोड पर हम समझते हैं हमारे संविधान सभा के कामकाज के बारे में। संविधान सभा का गठन कैसे हुआ? सभा में निर्णय कैसे लिए जाते थे? बाबासाहेब आंबेडकर ने संविधान सभा में क्या भूमिका निभाई? क्या हमारे संविधान को एक कोलोनियल संविधान कहा जा सकता है? इन सब दिलचस्प सवालों पर विस्तार से चर्चा प्रोफेसर अच्युत चेतन के साथ।  On this Independence Day special, we dive into the inner workings of the Constituent Assembly with Prof. Achyut Chetan. We explore...
Published 08/15/24
ओलंपिक खेल के इस अवसर पर हमने सोचा कि क्यों न खेल कूद पर ही एक पुलियबाज़ी हो जाये। हमारे समाज को खेल की चिंता क्यों करनी चाहिए? खेल समाज के लिए एक दर्पण की तरह काम करता है, जो उसके मूल्यों, आकांक्षाओं और चुनौतियों को दर्शाता है। इसके अलावा, खेल एक जीवंत प्रयोगशाला की तरह है जहाँ मानवीय क्षमता और मानदंडों की सीमाओं को चुनौती दी जा सकती है और उन्हें फिर से परिभाषित किया जा सकता है। इस पुलियाबाज़ी में हमारे साथ जुड़ते हैं नंदन कामत जो एक वकील हैं और एक खिलाड़ी रह चुके हैं। उनकी किताब Boundary Lab...
Published 08/08/24
पिछले हफ़्ते कर्नाटका के CM द्वारा घोषित स्थानीय आरक्षण ड्राफ्ट बिल पर काफ़ी हल्ला मचा। इस प्रकार का आरक्षण इससे पहले हरयाणा ने भी लाने की कोशिश की थी, पर उसे हरयाणा हाई कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया था। कर्नाटका में भी इस पॉलिसी को फिलहाल तो होल्ड पर रखा गया है पर सवाल ये है कि राज्य सरकारें ऐसी नीतियां क्यों लाती रहती हैं? क्या ऐसी संकीर्ण नीतियों से भारत को फायदा होगा या नुकसान? इसी विषय पर इस हफ़्ते चर्चा।   Last week, there was a lot of uproar over the local reservation draft bill...
Published 08/01/24
Power sector will play a crucial role in India's climate transition. However, reforms remain stalled and the price system is broken in this sector dominated by the state. What are some possible solutions to navigate this challenge? This week on Puliyabaazi, Akshay Jaitly joins us to give us a comprehensive view of the sector and presents new ideas to fix the price system in the electricity market. Akshay is Founder-Partner at Trilegal and Founder of Trustbridge and has worked extensively in...
Published 07/25/24
पिछले कुछ सालों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था उथल-पुथल भरे दौर से गुज़र रही है। बढ़ती महंगाई और ऊर्जा की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी के जीवन स्तर को काफ़ी प्रभावित किया है। इसके पीछे क्या वज़ह है? पाकिस्तान इन आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए ज़रूरी सुधारों को लागू क्यों नहीं कर पा रहा है? इस हफ़्ते, हम बात करेंगे उज़ैर यूनुस से, जो अपने पॉडकास्ट पाकिस्तोनॉमी पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के कई पहलुओं के बारे में लिखते और चर्चा करते रहे हैं। Pakistan's economy has been going through turbulent times...
Published 07/18/24
पेरिस ओलंपिक्स के नजदीक आने के साथ ही भारत में कई खेल प्रेमी सोच रहे होंगे: भारत ओलंपिक की मेजबानी कब करेगा? लेकिन अगर कोई खेल प्रेमी पुलियाबाज़ी का श्रोता है, तो वह सबसे पहले यह सवाल पूछेगा: क्या भारत को ओलंपिक की मेजबानी करनी चाहिए? क्या इस तरह के आयोजन से भारत में खेल को बढ़ावा मिलेगा या यह हमारे सीमित संसाधनों की बर्बादी होगी? क्या कोई और विकल्प है जो भारत में खेल प्रशासन को सुधार सकता है? प्रणय के पास ऐसे ही कुछ वैकल्पिक प्रस्ताव हैं जिन पर हमने पुलियाबाज़ी की। आप भी सुनिए और इन विचारों...
Published 07/11/24
इस सप्ताह पुलियाबाज़ी पर हम चर्चा करते हैं कि कैसे फ्री मोबिलिटी समझौतों के माध्यम से भारतीयों के लिए नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। क्या यह हमारे ब्रेन ड्रेन को ब्रेन गेन में बदलने का मार्ग हो सकता है? ज़रूर सुनें। This week on Puliyabaazi, we discuss how new opportunities can be created for Indians by improving rotational labour mobility for Indians through Free Mobility Agreements. Can this be the pathway to turn our brain drain into brain gain? Do listen in.  We discuss: * World’s changing...
Published 07/04/24
इस हफ़्ते पुलियाबाज़ी पर और एक सफरनामा जिसमें सौरभ देते हैं अपने बोस्टन सफर का ब्यौरा। क्या इकोसिस्टम है बोस्टन में जिससे वहाँ रोबोटिक्स से लेकर बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्र में अप्रतिम संशोधन निकल कर आते हैं? क्या चीन में भी ऐसी इकोसिस्टम बनाना संभव है? जुड़िये इस पुलियाबाज़ी पर। अगर आपकी कोई टिप्पणियाँ हो तो ज़रूर भेजें।  अगर आप पुलियाबाज़ी पर अपने विचार या लेख साझा करना चाहें तो हमें ज़रूर लिखें।  This week, Saurabh shares his notes from his travels to Boston. He talks about the innovations he saw...
Published 06/27/24
भारत में आर्थिक विश्लेषण अक्सर राज्य-केंद्रित होता है। हालाँकि, राज्यों के भीतर भी काफ़ी आर्थिक भिन्नताएँ हैं। भारत को क्षेत्रीय विविधता के नज़रिए से देखना शायद ज़्यादा सटीक होगा- 85 क्षेत्रों का देश, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अर्थव्यवस्था, भौगोलिक पहचान, संसाधन और कुशलता हैं। इस नज़रिए से भारत कैसा दिखता है? क्षेत्रीय स्तर पर विश्लेषण से हम भारत के बारे में क्या सीख सकते हैं? इस विषय पर विस्तार से  चर्चा के लिए पुलिया पर जुड़ती है अर्थशात्री और लेखिका डॉ. पूर्णिमा डोरे। Economic analysis in...
Published 06/20/24
ये अंक २०१९ लोक सभा चुनाव के पहले प्रकाशित किया गया था इलोन मस्क के EVM से जुड़े ट्वीट ने इस मशीन को एक बार फिर अख़बारों के प्रथम पृष्ठ पर ले आया है | तो पुलियाबाज़ी में हमने इस प्रश्न से हटकर मतदान प्रक्रिया को समझने का प्रयास किया | इस पुलियाबाज़ी में हमारे गेस्ट है श्री अलोक शुक्ला जो २००९ और २०१४ के बीच भारत के डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर रह चुके हैं | उनकी किताब Electronic Voting Machines: The True Story इवीएम पर लग रही आलोचनाओं का मुँहतोड़ जवाब देती है | इस पुलियाबाज़ी में हमने उनके सामने यह...
Published 06/17/24