Episodes
बाली को मार कर और सुग्रीव का राज्य अभिषेक होने के बाद प्रस्रवण पर्वत पर रहने वाले श्री राम अपने भाई लक्ष्मण से कहते हैं "जल की प्राप्ति कराने वाला वर्षा काल आगया है। पर्वत जैसे मेघो से आकाश मंडल भर गया है। जैसे, कोई तरुणी ९ महीनो के लिए अपने गर्भ में बालक धारण करती है, और फिर उसे जन्म देती है, वैसे, ९ महीनो के लिए आकाश से सूर्य की किरणों द्वारा समंदर के पानी को पीकर अपने भीतर धार दिया था। अब ये आकाश जल रुपी रसायन को जन्म दे रहा है। किस प्रकार किया था श्री राम ने ऋतू वर्षा का वर्णन? आइए...
Published 03/17/23
कपिराज बाली के अंतिम संस्कार के बाद, पवनपुत्र हनुमान ने सलाह दी कि, क्यूंकि श्री राम ने सुग्रीव को न्याय दिलाने में सहायता करी, इसलिए, सबसे पहले उन्हें और महाराज सुग्रीव को किष्किंधा में पदार्पण करना चाहिए। पर राम ने किष्किंधा में कदम रखने से क्यों मना कर दिया? उन्होंने सुग्रीव को सीता को ढूंढने का प्रयास कब शुरू करने को कहा? सुग्रीव और अंगद का राज्याभिषेक किस तरह की धूमधाम से हुआ? वहीं, राम लक्ष्मण प्रश्रवन पर्वत पर श्रावण मास की अवधि समाप्त होने की प्रतीक्षा किस प्रकार करने लगे? आइए जानतें...
Published 03/16/23
तारा, अंगद, सुग्रीव, किष्किंधा की प्रजा, सभी बाली की मृत्यु के कारण विलाप कर रहे थे। तब महारानी तारा की नजर श्रीराम पर पड़ी। वह राम से बोलीं - आपका कोई पार नहीं। आपने अपने इंद्रियों पर मात की है। आपकी कृपा सब पर बरसती है। तो मेरी आपसे प्रार्थना है कि आप मुझे भी मार दीजिए ताकि मैं अपने पति के साथ जा सकूं। जवाब में राम ने तारा से क्या कहा? और लक्ष्मण के कहने पर सुग्रीव ने अंगद और तारा के साथ, बाली के अंतिम संस्कार कैसे किया? आइए सुनतें हैं इस episode में।
Published 03/15/23
कपिराज बाली के मृत्यु अब निकट थी। उनकी पत्नी तारा दुख और भावनाओं के सागर में डूबी, कुछ सोच नहीं पास रहीं थीं। तब हनुमान ने कैसे उन्हें सहानुभूति दी? इस दौरान बाली ने, किष्किंधा राज, तारा और अपने बेटे - अंगद को लेकर, सुग्रीव को क्या सलाह दी? और सारे वानरों को शोकाकुल देख, सुग्रीव ने अनपे किये पर पछतावा कैसे व्यक्त किया? आइए जानतें हैं, रामायण आज के लिए के इस episode में।
Published 03/14/23
जब बाली की शक्ति के सामने सुग्रीव हारने लगे तब श्रीराम ने बाली पर पेड़ों के पीछे से छुपकर वार किया। इस बात पर घायल बाली ने राम पर आरोप लगाया कि धर्म के अनुसार राम का व्यवहार गलत था। वाली को राम से कोई बैर नहीं था फिर भी राम ने पीछे से उन पर वार किया और उन्हें अपने बचाव का मौका तक नहीं मिला। राम ने वाली के लगाए आरोप पर किस प्रकार प्रति उत्तर दिया? बाली ने अपनी भूल मानकर, अपनी मृत्यु कैसे स्वीकारी? और प्राण छोड़ने से पहले, उन्होंने राम से अपनी पत्नी तारा और पुत्र अंगद के लिए क्या माँगा? आइए...
Published 03/13/23
बाली ने अपनी समझदार पत्नी तारा की सलाह को अनसुना कर दिया और सुग्रीव के साथ युद्ध करने के लिए वापस रणभूमि में उतर गए। उन्हें लगा कि, क्यूँकि राम धर्म का पालन करते हैं, वह किसी निर्दोष पर वार नहीं करेंगे। पर बाली इस बात का अनुमान नहीं लगा पाए कि पेड़ों के पीछे छिपे राम मौका देखते ही उनपर एक ज़हरीले साँप की तरह दिखनेवाला तीर छोड़ देंगे, जो बाली की छाती को छेद देगा। मरते-मरते बाली ने राम पर अधर्म का आरोप क्यों और कैसे लगाया? और क्या राम ने अपने बचाव में जवाब दिया या नहीं? आइये जानतें हैं रामायण आज...
Published 03/10/23
राम और लक्ष्मण किष्किंधा की सीमा तक पहुंचकर वहीं वन में छुप गए। इतने में सुग्रीव ने अपने भाई, बाली को द्वन्द्व युद्ध के लिए ललकारा। कुछ ही देर में उन दोनों के बीच भयंकर लड़ाई शुरू हुई। आश्चर्य की बात यह थी कि वह दोनों कपि बिल्कुल एक दूसरे की तरह दिख रहे थे। श्री राम समझ ही नहीं पाए कि बाली कौन है और सुग्रीव कौन। जब सुग्रीव अपनी जान बचाकर भागे, तब राम ने उन्हें रणभूमि में पहचानने के लिए क्या तरकीब निकाली? वापस किष्किंधा जाते हुए उन तीनों से सप्तजन आश्रम को नमन क्यों किया? और इस बार बाली की...
Published 03/09/23
जब सुग्रीव ने राम और लक्ष्मण को बाली की कहानी सुनाई, तब उन्हें सूर्यपुत्र कपिराज की शक्ति और कमज़ोरी दोनों का प्रमाण मिला। कहानी के अंत में सुग्रीव ने राम को रिश्यामुख पर्वत पर दुंदुभि राक्षस की सूखई हुई हड्डियों का ढेर भी दिखाया। तब राम और लक्ष्मण दोनों को कहानी का तात्पर्य समझ में आया। वास्तव में सुग्रीव राम की शक्ति का प्रमाण देखना चाहते थे। जवाब में राम ने अपने मित्र को कैसे विश्वास दियाला कि वह बाली को हरा सकतें हैं? और फिर राम और लक्ष्मण के समर्थन से सुग्रीव ने अपने भाई बाली को युद्ध के...
Published 03/08/23
अब तक हमने सुना कि कैसे बाली ने सुग्रीव पर आरोप लगाकर उन्हें राज्य से बाहर निकाला था। इतना ही नहीं सुग्रीव की पत्नी, रोमा को बाली ने राज्य में कैद करके रखा था। सुग्रीव को श्री राम की मित्रता पर विश्वास तो था, लेकिन वह उन्हें बाली के शौर्य के बारे में भी बताना चाहते थे, क्यूंकि युद्ध में आक्रमण करने से पहले, शत्रु की शक्ति का प्रमाण लिया जाता है। तो सुग्रीव ने राम और लक्ष्मण को दुंदुभी के बार में बताते हुए, बाली के कौशल का सबूत कैसे दिया? और अपने भाई और मातंग ऋषि की भिड़ंत के बारे में बताते...
Published 03/07/23
सीता के आभूषण देखकर राम विचलित हो गए। पर सुग्रीव के मीठे शब्दों से, उनके सांत्वन से, वह संभल भी गए। फिर राम ने सुग्रीव से सीता और रावण को ढूंढने की सलाह मांगी। साथ ही उन्होंने सुग्रीव को दिए हुए वचन को पूरा करने का आश्वासन दिया। उसके बाद सुग्रीव की समस्या समझने के लिए राम ने उन्हें अपनी पूरी कहानी विस्तार से सुनाने को कहा। जवाब में सुग्रीव ने अपने भाई बाली और मायावी नमक राक्षस के युद्ध के बारे में बताया। फिर उन्होंने राम को बताया कि वह किष्किंधा के राजा कैसे बने, और कैसे उन्हें राजगद्दी से...
Published 03/06/23
ऋष्यमुख पर्वत पर पहुंचकर हनुमान ने कपिराज सुग्रीव के सामने राम और लक्ष्मण को अपने कंधे से उतारा और सारा वृतांत सुग्रीव को सुनाया। सुग्रीव यह सुनकर बहुत खुश हुए कि श्री राम उनसे मित्रता करना चाहते हैं और कहा की उनके लिए ये अभिमान की बात होगी। ये जानकर, श्री राम ने उन्हें गले से लगाया। फिर दोनों ने अग्नि के समक्ष मित्रता निभाने की शपथ ली। इसके बाद सुग्रीव ने राम को अपने, अपने भाई वाली और पत्नी के बारे में क्या बताया? राम ने उनकी मद्दत करने का निर्णय क्यों लिया? और बदले में सुग्रीव ने राम को...
Published 03/03/23
सुग्रीव की आज्ञा अनुसार, ब्राह्मण का भेस लेकर, हनुमान, राम और लक्ष्मण की जानकारी लेने के लिए पाम्पा सरोवर पहुँचे। हनुमान ने उन दोनों को विनम्रता से वंदन किया। फिर उन्होंने इन दीप्तिमान अजानुबाहू मनुष्यों से उनका परिचय कैसे माँगा? राम ने हनुमान के व्यव्हार से उनके चरित्र के बारे में क्या निष्कर्ष निकला? लक्ष्मण ने सुग्रीव को लेकर अपने इरादों के बारे में उन्हें क्या बताया? और राम की कहानी सुनकर हनुमान का मन क्यों भर आया? आइए सुनतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में।
Published 03/02/23
कर्नाटक के हम्पी क्षेत्र को आज भी किष्किन्धा के नाम से जाना जाता है। यह एक समय में सुग्रीव की राजधानी हुआ करती थी, जहाँ राम और लक्ष्मण, सीता को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते पहुँचे। वसंत ऋतु में पाम्पा सरोवर की सुंदरता देख, सीता के विरह में राम और भी दुखी हुए। राम को भावुक देख, लक्षमण उन्हें अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह देने लगे। पर दोनों भाइयों की बातचीत के दौरान सुग्रीव उन्हें तीर्व द्रिष्टि से देख रहे थे। सुग्रीव को संदेह था कि उनके बड़े भाई बाली ने, हानि पहुँचाने के लिए, इन दोनों अजानुबाहू मनुष्यों...
Published 03/01/23
कबंध के बताये रास्ते से होते हुए राम और लक्ष्मण पाम्पा सरोवर के पास ऋष्यमूक पर्वत पर पहुँचे। वहाँ उन्हें भक्त और विदुषी शबरी मिलीं, जो जंगल में रहने वाली जनजाती से थीं। लेकिन उनके चहरे पर उनकी साधना और योग का तेज था। राम और लक्ष्मण से मिलने पर शबरी ने उनका स्वागत कैसे किया? उन्होंने दोनों भाइयों को मातंग वन के बारे में क्या बताया? और राम ने शबरी का उद्धार कैसे किया? इस episode में आइए सुनतें हैं, शबरी की कहानी वाल्मीकि रामायण के अनुसार।
Published 02/28/23
राम और लक्ष्मण ने कबंध को मारने के बाद उसका शरीर जला दिया। चिता से कबंध का सुन्दर दिव्य रूप निकल आया, जिसे स्वर्ग ले जाने के लिए दैवी विमान आ खड़ा हुआ। पर जाने से पहले, उसने राम को सीता तक पहुँचने की तरक़ीब बताई। कबंध ने दोनों भाइयों को सुग्रीव का परिचय कैसे दिया? उसने क्या सोचकर कहा की सीता को ढूंढने में सुग्रीव सक्षम रहेंगे? फिर कबंध ने राम और लक्ष्मण को सुग्रीव तक पहुँचने का रास्ता बताया। उसने पाम्पा सरोवर का वर्णन करते हुए, ऋषि मातंग के बारे में क्या कहा? साथ ही, उन्हें भक्त शबरी का परिचय...
Published 02/27/23
सीता को बचाने की कोशिश करते-करते जटायु ने अपने प्राण गवा दिए। गृद्धराज की मृत्यु से राम को बहुत दुख हुआ और उन्होंने जटायु का अंतिम संस्कार, विधि-अनुसार, अपने हाथों से किया। इसके पश्चात वह लक्ष्मण के साथ सीता की खोज में दक्षिण दिशा में निकल गए। कुछ समय बाद वह क्रौंच जंगल पहुंचे। वहाँ अयोमुखी नामक राक्षसी से मिलने पर राम और लक्षमण ने क्या किया? और फिर जब उन्हें कबंध नामक विचित्र और भयानक राक्षस का सामना करना पढ़ा, तब उन दोनों ने कबंध को कैसे मारा? आइए सुनतें हैं रामायण आज के लिए के इस episode में।
Published 02/24/23
जब राम को सीता के संघर्ष के संकेत मिले, तब उनका क्रोध उनके आपे से बाहर हो गया। वह बदले की आग में सारे लोकों को नष्ट करने निकले। ऐसे में लक्ष्मण ही उन्हें रोक सकते थे। लक्ष्मण ने राम का क्रोध शांत करने के लिए ऐसी क्या बात कही, जो आज भी मसाल के तौर पर इस्तेमाल की जाती है। जब दोनों भाइयों ने सीता की खोज फिर शुरू करी तब उन्हें घायल जटायु मिले। राम ने क्या सोचकर, विशाल जटायु पर वार करने के लिए क्षुर बाण निकाला? और उस वृद्ध पक्षी ने राम को सीता के अपहरण के बारे में क्या बताया? आइए सुनते हैं इस...
Published 02/23/23
सीता को आश्रम में ना पाकर भग्वान-रूपी राम मनुष्य के भाँती अधीर होने लगे। आख़िरकार लक्ष्मण के अलावा उन्होंने सीता से ही अपना सारा दुःख बांटा था। राम को लाचार देख, लक्षमण ने उनका सांत्वन कैसे किया? शांत होने पर, जब राम सीता को खोजने के लिए आगे बढ़े, तब किस प्राणी के समूह ने उनकी मद्दत करी? सुझाव अनुसार जब दोनों भाई दक्षिण दिशा में चलने लगे, तो उन्हें किस प्रकार के चिंह दिखे, जिनकी वजह से ये निश्चित हो गया था की सीता को कोई ज़बरदस्ती उठा कर ले गया था? आइए सुनतें रामायण आज के लिए के इस episode में।
Published 02/22/23
फिछले episode में हमने सुना कि कैसे देवों ने लंका-बधित सीता को खीर खिलाकर यह सुनिश्चित किया कि वह जीवित रहें। वहाँ दूसरी तरफ़ राम मारीच को मारकर आश्रम की ओर भागे। रस्ते में आसपास के जानवरों की बेचैनी देख वह समझ गए थे की सीता ख़तरे में हैं। कुछ ही क्षणों में उन्हें लक्षमण मिले, जो सीता के कहने पर राम को ढूंढने निकले थे। एक दूसरे को देखते ही वह दोनों समझ गए कि राक्षसों की चाल सफल हुई। आश्रम पहुँचते-पहुँचते राम ने लक्ष्मण पर क्या आरोप लगाया? लक्ष्मण ने अपनी सफ़ाई में क्या जवाब दिया? और सीता को...
Published 02/21/23
सीता रावण का इरादा अब अछि तरह से समझ गयीं थीं। क्यूंकि रावण एक परपुरुष था और उन दिनों विवाहित स्त्रियाँ उनसे पर्दा करतीं थीं, इसलिए सीता ने अपने और रावण के बीच, सीमा के तौर पर, एक घांस की तीली पकड़ली। रावण ने उस चिन्ह का सम्मान किया, पर साथ ही उससे विवाह करने के लिए उसने सीता को 12 महीनों का वक़्त भी दिया। कड़ी निगरानी में सीता को लंका में रखा गया, जिसको देख स्वर्ग लोक में देव बहुत ख़ुश हुए। उन्हें लगा कि अब राम के हाथों रावण का अंत निश्चित है। पर वह इस बात को सुनिश्चित करना चाहते थे। तो उन्होंने...
Published 02/20/23
विशाल और वृद्ध जटायु को मारने के बाद अब रावण के रास्ते में कोई बाधा नहीं थी। लेकिन सीता अपने आपको छुड़ाने का संघर्ष करती रहीं। कुछ दूरी पर सीता ने पर्वत पर बैठे वानर देखे। उन्होंने उन वानरों बीच अपनी ओढ़नी में ज़ेवर उतारकर फेंक दिए, ये सोचते हुए कि शायद ये वानर सीता को ढूंढने में राम की मद्दद कर पाएँ। पर, किसी कारण, इस बात पर रावण ने ध्यान नहीं दिया। लंका पहुँचकर रावण ने सीता को किसके हवाले किया? राम और लक्ष्मण से निपटने के लिए उसने क्या कदम उठाये? और कैसे रावण ने सीता को उससे विवाह करने के लिए...
Published 02/17/23
जब सीता ने रावण के साथ लंका जाने से मना कर दिया तब रावण ने सीता के बाल पकड़े और एक हाथ से उन्हें उठाकर उग्रता से अपने सुनहरे रथ में बिठाया। पलक झपकते ही वह रथ आकाश में उड़ने लगा और लंका की और बढ़ने लगा। सीता चिल्लाने लगीं, राम और लक्ष्मण को पुकारने लगीं। उनकी दुहाई सुनकर जटायु चौक्कन्ने हो गए और सीता को रावण के चंगुल से बचाने का प्रयास करने लगे। पक्षियों के राजा, वृद्ध पर विशाल जटायु ने रावण पर कैसे प्रहार किया? रावण ने किस प्रकार जटायु को हराया? और उनकी मृत्यु के बाद सीता का क्या हुआ? आइए...
Published 02/16/23
रावण भिक्षुक के भेस में राम-सीता के आश्रम आया। सीता ने लक्ष्मण की चेतावनी के बावजूद, रावण को ब्राह्मण समझ कर, शापित होने के डर से, उसका आदर सत्कार किया। उसे भोजन खिलाया। फिर सीता ने उसे अपने बारे में बताया। साथ ही उन्होंने रावण का परिचय माँगा। तब रावण ने अपना असली रूप दिखाया और बोला की वह तीनों लोको का राजा है और सीता को अपनी पत्नी बनाना चाहता है। यह सुनकर सीता ने जवाब में क्या कहा? और वैदेही द्वारा अस्वीकृत होने के बावजूद वह कैसे अपनी बात पर डटा रहा? रावण ने सीता का अपहरण कैसे किया? आइए...
Published 02/15/23
राम के साथ खेलते खेलते, वह सोने का हिरन उन्हें आश्रम से काफ़ी दूर ले गया। कुछ समय बाद वह हिरन झाड़ियों में जाकर फँस गया। उस ही क्षण, एक ही तीर से राम ने बारहसिंगा रुपी मायावी मारीच को घायल कर दिया। मरते मरते मारीच ने ऐसा क्या किया जिसकी वजह से सीता और लक्षमण को लगा की राम मुसीबत में हैं? सीता ने लक्ष्मण को राम के पास जाकर उनकी मद्दत करने के लिए कैसे मनाया? क्या लक्ष्मण ने सच में, राम के पास जाते हुए, सीता की सुरक्षा के लिए लक्ष्मण रेखा बनायी थी? और सभी चेतावनियों के बावजूद, सीता ने ब्राह्मण के...
Published 02/13/23