241. Vayviya Samhita (Uttar Khand) Adhyay - 14 / वायवीय संहिता (उत्तरार्द्ध) - चौदहवाँ अध्याय
Description
"गुरु से मंत्र लेने तथा उसके जप करने की विधि, पाँच प्रकार के जप तथा उनकी महिमा, मंत्र गणना के लिए विभिन्न प्रकार की मालाओं का महत्व तथा अँगुलियों के उपयोग का वर्णन, जप के लिए उपयोगी स्थान तथा दिशा, जप में वर्जनीय बातें, सदाचार का महत्व, आस्तिकता की प्रशंशा, तथा पंचाक्षर मंत्र की विशेषता का प्रतिपादन"