256. Vayviya Samhita (Uttar Khand) Adhyay - 33 - 36 / वायवीय संहिता (उत्तरार्द्ध) - "तेंतीसवां, चौंतीसवां, पैंतीसवां एवं छत्तीसवा
Description
"पारलौकिक फल देने वाले कर्म-शिवलिंग-मह्यव्रत की विधि और महिमा का वर्णन"
मृत्युञ्जय महारुद्र त्राहि मां शरणागतम्जन्म मृत्युजरारोगैः पीड़ितं कर्म बन्धनैः ।।१।।मन्त्रेणाक्षर हीनेन पुष्पेण विफलेन चपूजितोसि महादेव तत्सर्वं क्षम्यतां मम ।।२।।करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वाश्रवननयंजं वा मानसं वापराधम् ।।३।।विहितमविहितं वा सर्वमेततक्षमस्वजय जय करुणाब्धे श्री महादेवशम्भो...
Published 08/25/23
"भगवान् नन्दी का वहाँ आना और दृष्टिपात मात्र से पाशछेदन एवं ज्ञानयोग का उपदेश कर के चला जाना, शिवपुराण की महिमा तथा ग्रन्थ का उपसंहार"
Published 08/25/23