"सूत्रधार प्रस्तुत रामकथा शृंखला की आज की कड़ी में हम सुनेंगे विध्वंसक राक्षसराज दशग्रीव अर्थात् रावण की कथा ।" नैनं सूर्यः प्रतपति पार्श्वे वाति न मारुत:। चलोर्मिमाली तं दृष्ट्वा समुद्रोऽपि न कम्पते। ।।1.15.10।। अर्थात सूर्य उसको ताप नहीं पहुंचा सकता, वायु उस के समीप वेग से नहीं चल सकता। समुद्र भी उसे देख कर अपना लहराना बंद कर स्तब्ध हो जाता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा किया गया यह वर्णन है रावण के बल, सामर्थ्य और उसकी दहशत का। त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों से सर्वत्र त्राहि-त्राहि मची हुई...
Published 05/03/22
सूत्रधार ला रहे हैं महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण से कुछ रोचक कथाएं श्रीराम कथा की इस प्रस्तुति में।
Sutradhar brings to you Shri Ram Katha based on the Ramayana composed by Maharshi Valmiki.We will cover stories from Shriram's birth till his killing of Raavan to rescue his beloved wife Sita. The series will start from Bal Kand and will end with Lanka Kand of Ramayan.
Published 05/02/22