वाल्मीकि रामायण के राम क्र० १०८ वानर सेना को धन प्रदान राम का अयोध्या के लिए प्रस्थान
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Description
लंकाराज कहिन राम से, का करूँ भेंट नाथ। धन मान उन वानर दो, जिन लड़ा युद्ध तात।।   मुनिवर बोलें राम से, देन चाहूँ इक वर। राघव माँगे फल मधुर, खुश हों सबै वानर।।  Episode 108 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla describes the events that took place at the time of departure of Ram, Seeta and Lakshman from Lanka for Ayodhya. Everyone had a good night’s sleep. When Ram woke up, he saw Vibheeshan standing with folded hands pointing to the arrangements that had been made including water for bathing, sandalwood, clothes, ornaments, make-up etc. Ram said that he was missing his brother Bharat and requested Vibheeshan to concentrate on the journey to Ayodhya which was a long one. Vibheeshan asked Ram to not worry about the journey since his brother Kuber’s vimaan (aircraft) was available. The vimaan would take them to Ayodhya in just one day. When the vimaan arrived, Vibheeshan asked Ram if there was anything else that he could do. Ram advised Vibheeshan to give money to all the soldiers who had fought so valiantly. Vibheeshan accepted the advice. Just as Ram was getting ready to board the vimaan, Sugreev, Vibheeshan and all chiefs of Vaanar Sena expressed their desire to accompany Ram to Ayodhya. Ram happily welcomed them to accompany him to Ayodhya. On the way, when the vimaan was approaching Kishkindha, Seeta told Ram that she would like the wives of all vaanar warriors to also join them. Ram asked for the vimaan to halt at Kishkindha. The vaanar ladies joined the group. Just as they were nearing Ayodhya, they stopped at the ashram of Muni Bhardwaj. Muni was glad to welcome Ram. Muni told Ram that he wanted to grant Ram a boon. Ram asked that all trees in the ashram and on the way to Ayodhya should start bearing nice juicy fruits. (Ref. Chapters 121-124, Yuddh Kand, Shreemad Valmikiy Ramayan)    बंधुओं, राम कथा की यह श्रृंखला (वाल्मीकि रामायण के राम) अन्तिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। विभीषण का राज्याभिषेक हो गया है। सीता और राम का पुनर्मिलन भी हो गया है। राम अपने भ्राता लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वापिस अयोध्या के लिए प्रस्थान कर चुके हैं। अगले प्रकरण में राम अयोध्या पहुँच जाएँगे और उनका राज्याभिषेक होगा। अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के पश्चात इस श्रृंखला में हम लगभग दो प्रकरण प्रश्नोत्तर और कुछ सैद्धांतिक विषयों के स्पष्टीकरण हेतु रखना चाहते हैं। हमारे सभी सुधी दर्शकों और श्रोताओं से विनम्र अनुरोध है कि श्रृंखला के आधार पर या राम के जीवन से सम्बंधित आपके मन में कोई भी जिज्ञासा / प्रश्न है तो उसे हमें भेजने का कष्ट करें। हम प्रयास करेंगे कि आपको अपनी सीमित बुद्धि और अल्प ज्ञान से यथासंभव समुचित उत्तर प्रदान किया जा
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