Chitrrath Kee Arjun Dwaara Paraaajy Aur Mitrtaa Mahabharat Ka Mahaparv No. 31
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Description
चित्ररथ की अर्जुन द्वारा पराजय और मित्रता   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 पांडवों का गंगा तट पर आगमन 02:28 गंधर्वराज अंगारपर्ण का अर्जुन को धमकाने का प्रयास 05:17 अर्जुन का बिना डरे साहसपूर्ण स्पष्ट उत्तर 07:00 अंगारपर्ण द्वारा आक्रमण और अर्जुन के अस्त्र से पराजय 09:47 पत्नी की प्रार्थना पर गंधर्वराज को अभयदान 13:21 गंधर्वराज द्वारा भेंट का प्रस्ताव 17:35 अर्जुन द्वारा दान लेने से इंकार 18:58 मित्र के रूप में एक दूसरे को उपहार देना स्वीकार्य 26:36 पुरोहित नियुक्त करने हेतु धौम्य मुनि की अनुशंसा 28:42 पांडवों द्वारा धौम्य मुनि की पुरोहित के रूप में नियुक्ति 32:30 उपसंहार   Episode 31 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the fight between Gandharvraaj Angaarparn (Chitrarath) and Arjun. Arjun defeats the Gandharv very quickly using the special weapon that he had received from his Guru Dron. Arjun presents the defeated Chitrarath to elder brother Yuddhishthir who, on an appeal from the Gandharv’s wife, decides to spare Chitrarath’s life. Chitrarath requests for Arjun’s friendship and the two become friends. The two exchange gifts. Chitrarath advises the Paandavs to have a learned Brahmin with them and also recommends the name of Dhaumy Muni as a suitable person. Paandavs visit the ashram of Dhaumy Muni and request him to become their purohit. Dhaumy Muni accepts their invitation. (Mahabharat/Aadiparv/Chaitrrath Parv/Chapters 169, 182 and 183).   Production support: Friends and well-wishers.   *****    महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hinduism. Mahabharat teaches one about every aspect of life. The struggle in the epic is the clash between two different life-values. Dwaipaayan Krishn and Vaasudev Krishn put in relentless and continuous efforts to establish and strengthen the same fundamental values and ideals for which Ram fought the war against Raavan. By learning and understanding this story and by adopting th
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Published 11/07/24
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Published 10/26/24