Kuntee Yuddhishthir Dharm Charchaa Narbhakshee Bak Kaa Vadh Mahabharat Ka Mahaparv No. 29
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Description
कुन्ती युद्धिष्ठिर धर्म चर्चा, नरभक्षी बक का वध   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 युद्धिष्ठिर माता कुन्ती के निर्णय से असहमत 04:08 कुन्ती द्वारा धर्म के आधार पर उत्तर 09:40 माता कुन्ती के तर्क सुन युद्धिष्ठिर सहमत हुए 11:51 भीम स्वयं ही खाने लगे नरभक्षी राक्षस का भोजन 14:26 बक और भीम का युद्ध प्रारम्भ 17:36 भीम ने नरभक्षी बक का वध किया 20:31 राक्षसों द्वारा मनुष्यों के विरुद्ध हिंसा ना करने का संकल्प 23:21 बक वध से प्रसन्नता उत्साह और उत्सव 25:36 उपसंहार   Episode 29 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the events that led to killing of Bak by Bheem. Kuntee and Bheem had committed to the Brahmin that Bheem will go to the cannibal raakshas. When Yuddhishthir came to know of the decision, he was not happy. He criticized his mother for agreeing to sacrifice her son to save someone else’s son. Kuntee answered Yuddhishthir rationally on the basis of dharm. Yuddhishthir agreed with his mother’s arguments. Bheem went next morning to the place where cannibal Bak lived carrying with him large amount of food. After reaching there, Bheem started eating the food while calling out Bak. Soon the cannibal came out and was furious seeing someone eating his food. Bak attacked Bheem. The fight ended with Bheem killing Bak with his hands. Bak’s relatives came out scared. Bheem assured them that they would be safe if they did not attack humans. Bheem carried the dead body of Bak to the city’s gate, left it there and went away without telling anyone about it. Soon, people of the town learnt that Bak had been killed. They were full of joy and celebrated in honour of the unknown person who had killed Bak. (Mahabharat/Aadiparv/Bakvadh Parv/Chapters 161, 162 and 163).   Production support: Friends and well-wishers.   *****    महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hinduism. Mahabharat teaches one about every aspect of life. The struggle in the epic is the clash between two different life-values. Dwaipaayan Krishn and Vaasudev Krishn put in relentless and continuous efforts to establish and strengthen the same fundamental va
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