वाल्मीकि रामायण के राम क्र० १०६ मृत वानरों रीछों को देख दुःख अवसाद में डूबे राम द्वारा सीता परित
Description
रीछ वानर शव देखत, सोचत रोवत राम।
लाखों पुत्र गवाँय के, कैसे जाऊँ धाम।
राघव से सीता मिली, मन में उठत उमंग।
पुत्र शोक भारी भयो, जैसे डसा भुजंग।
भुजंग अर्थात साँप
Episode 106 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla describes the events after Vibheeshan had been coronated. Hanuman went to meet Seeta and convey the news about Raavan’s defeat and Ram’s victory. Seeta was elated to hear the news and wanted to see Ram. On hearing that Seeta wanted to see him, Ram instructed Vibheeshan to arrange for Seeta’s coming there after Seeta has a bath, gets good clothes and jewellery. All this time, Ram is immersed in deep thought and is crying continuously with tears rolling down his cheeks. He cannot face the dead bodies of Vaanar Sena and also the wounded and maimed soldiers who had fought for him. He dreads the day when he has to face the mothers, sisters and wives of killed and maimed soldiers. He cannot bear it that the world would say that he made thousands of women widows or childless just to get back his wife. When Seeta comes to Ram, he clarifies to her that he fought the war for dharm and not for the personal agenda of getting her back. He tells her that he is no longer interested in her and she is free to go with any other man whom she chooses. Seeta is heartbroken and decides to enter fire instead of living without Ram. (Ref. Chapters 113-116, Yuddh Kand, Shreemad Valmikiy Ramayan)
बंधुओं, राम कथा की यह श्रृंखला (वाल्मीकि रामायण के राम) अन्तिम पड़ाव की ओर अग्रसर है। रावण का दाह संस्कार हो गया है। विभीषण का राज्याभिषेक भी हो गया है। आने वाले प्रकरणों में सीता और राम का पुनर्मिलन होगा। तत्पश्चात राम अपने भ्राता लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वापिस अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। अयोध्या में राम के राज्याभिषेक के पश्चात इस श्रृंखला में हम लगभग दो प्रकरण प्रश्नोत्तर और कुछ सैद्धांतिक विषयों के स्पष्टीकरण हेतु रखना चाहते हैं। हमारे सभी सुधी दर्शकों और श्रोताओं से विनम्र अनुरोध है कि श्रृंखला के आधार पर या राम के जीवन से सम्बंधित आपके मन में कोई भी जिज्ञासा / प्रश्न है तो उसे हमें भेजने का कष्ट करें। हम प्रयास करेंगे कि आपको अपनी सीमित बुद्धि और अल्प ज्ञान से यथासंभव समुचित उत्तर प्रदान किया जाए।
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श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण विश्व का प्राचीनतम ग्रन्थ है। इसे आदिग्रन्थ कहा गया है। इसमें राम के जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। इसमें राम का चित्रण एक