वाल्मीकि रामायण के राम क्र० १०० विभीषण के मार्गदर्शन में लक्ष्मण द्वारा इन्द्रजित मेघनाद का वध
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इन्द्र को था उसने हराया। कोई ना उसे हरा पाया।। वाके चाचा राह दिखायो। तो लक्ष्मण सर काट गिरायो।।  Episode 100 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla describes the battle that led to killing of Meghnaad (also known as Indrajit). Vibheeshan took Lakshman, Hanuman, Jambwaan and others of Vaanar Sena to the temple of Nikumbhila Devi where Indrajit was doing a ceremony with his army standing in guard. Ferocious fighting started between the two armies with Hanuman leading the charge from Vaanar Sena. When Indrajit learnt that his side was under pressure, he quit the ceremony and came in a chariot to the scene of the battle. On reaching the battle field, he saw his uncle Vibheeshan. Indrajit immediately knew that Lakshman and the accompanying army had been brought to that secluded unknown place by Vibheeshan. This infuriated Indrajit who abused his uncle and condemned the merciless attempt of Vibheeshan to try to get his own son (nephew is considered as a son) killed. Vibheeshan answered Indrajit’s accusations taking recourse to the principles of dharm. The fighting that followed saw both Lakshman and Indrajit wounded and covered in blood. Finally, Lakshman was able to use the special weapon from Indr (the king of devatas) to chop off Indrajit’s head and kill him.  (Ref. Chapters 86-90, Yuddh Kand, Shreemad Valmikiy Ramayan)    *****   श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण विश्व का प्राचीनतम ग्रन्थ है। इसे आदिग्रन्थ कहा गया है। इसमें राम के जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। इसमें राम का चित्रण एक ऐसे मनुष्य के रूप में किया गया है जो संघर्ष करता है, परिश्रम करता है, जीवन के द्वन्द्वों का सामना करता है, अपने सहयोगियों एवं निकटस्थ व्यक्तियों से चर्चा करता है और विद्वतजनों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। वह धर्म एवं आदर्श के पथ से कभी हटता नहीं है। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उनके जीवन का हर प्रसंग शिक्षाप्रद है, प्रेरणादायक है। चर्चा की इस श्रृंखला का उद्देश्य दर्शकों को राम के जीवन से परिचित कराना है। राम के जीवन को जान कर, समझ कर और आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं। समस्त सुधीजनों को अनेकानेक शुभकामनाओं के साथ विनम्रतापूर्वक समर्पित।   Valmiki Ramayan is the original epic which narrates the story of Ram. It is a detailed work which describes Ram as a human being who faced all the difficulties of life. Ram of Valmikiy Ramayan faces dilemmas, discusses with his family and friends, accepts guidance from learned men and suffers hardships. He always takes the right decisions and follows the path of dharm. This series of conversations is intended to help the viewers understand the personality of Ram. After understanding, one can adopt Ram's ideals in o
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