वाल्मीकि रामायण के राम क्र० ९९ रावणपुत्र इन्द्रजित द्वारा मायानिर्मित सीता का वध
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Description
कुटिल निशाचर छिप कर लड़ता। क्योंकि था वो राम से डरता।। झूठी सीता काट दिखाई। चाल यह उसकी चल न पाई।। Episode 99 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla describes the strange turn of events that took place after Indrajit, son of Raavan, returned to the battlefield. Indrajit used the technique of illusion to create a woman who looked exactly like Seeta. This illusory Seeta was sitting on his chariot. Indrajit came out from Lanka using a gate that was far away from the place where Ram and Lakshman were standing. Indrajit faced Hanuman and his army of brave soldiers. Hanuman was shocked to see Seeta in that situation. Indrajit started beating the illusory Seeta mercilessly in front of all the Vaanar Sena warriors. The illusory Seeta was continuously crying and calling out Ram. Indrajit then took his sword and cut the illusory Seeta into two parts cutting diagonally across her body. Hanuman stopped the onslaught of Indrajit and the army accompanying him. After inflicting much damage on the Raakshas army, Hanuman rushed to Ram to inform about the killing of Seeta by Indrajit who, after the killing, had gone to the temple of Nikumbhila Devi. Ram was shocked to hear the sad news and fell unconscious. Lakshman tried his best to console Ram. Vibheeshan came there and learnt of the news about killing of Seeta. Vibheeshan told Ram that this was absolutely unbelievable. Vibheeshan told Ram that Indrajit had just played a trick using illusion. Vibheeshan convinced Ram to give up sorrow and order Lakshman to go with him to kill Indrajit.  (Ref. Chapters 81-85, Yuddh Kand, Shreemad Valmikiy Ramayan)    *****   श्रीमद्वाल्मीकीय रामायण विश्व का प्राचीनतम ग्रन्थ है। इसे आदिग्रन्थ कहा गया है। इसमें राम के जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है। इसमें राम का चित्रण एक ऐसे मनुष्य के रूप में किया गया है जो संघर्ष करता है, परिश्रम करता है, जीवन के द्वन्द्वों का सामना करता है, अपने सहयोगियों एवं निकटस्थ व्यक्तियों से चर्चा करता है और विद्वतजनों से मार्गदर्शन प्राप्त करता है। वह धर्म एवं आदर्श के पथ से कभी हटता नहीं है। उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है। उनके जीवन का हर प्रसंग शिक्षाप्रद है, प्रेरणादायक है। चर्चा की इस श्रृंखला का उद्देश्य दर्शकों को राम के जीवन से परिचित कराना है। राम के जीवन को जान कर, समझ कर और आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं। समस्त सुधीजनों को अनेकानेक शुभकामनाओं के साथ विनम्रतापूर्वक समर्पित।   Valmiki Ramayan is the original epic which narrates the story of Ram. It is a detailed work which describes Ram as a human being who faced all the difficulties of life. Ram of Valmikiy Ramayan faces dilemmas, discusses with his family and friends, accepts
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