Shiksha Samaapti Par Yuddh Kee Aahat Mahabharat Ka Mahaparv No. 20
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Description
शिक्षा समाप्ति पर युद्ध की आहट   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 शिक्षा समाप्ति पर कुशलता प्रदर्शन की योजना 04:27 कार्यक्रम में दर्शक एवं आमंत्रित गणमान्य व्यक्ति 05:36 समारोह का उद्घाटन 08:34 सामूहिक अस्त्र शस्त्र संचालन प्रदर्शन 09:56 दुर्योधन भीम गदा युद्ध 12:10 गुरु द्रोण ने युद्ध रुकवाया 14:13 अर्जुन का शानदार प्रदर्शन 19:34 कर्ण का अप्रत्याशित प्रवेश और अर्जुन के समान प्रदर्शन 23:34 कर्ण द्वारा अर्जुन से युद्ध की इच्छा 26:56 अर्जुन द्वारा चुनौती स्वीकार एवं कुंती की घबराहट 30:25 आचार्य कृप द्वारा कर्ण के वंश के सम्बन्ध में प्रश्न 32:01 दुर्योधन द्वारा कर्ण का राज्याभिषेक 34:45 कर्ण द्वारा पिता अधिरथ को सम्मान 37:02 भीम द्वारा कर्ण का अपमान 38:31 दुर्योधन द्वारा भीम को तर्कसंगत उत्तर 43:20 सूर्यास्त के कारण युद्ध नहीं 44:52 उपसंहार   Episode 20 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the events that happened on the day when princes showcased their abilities before the royals and people of Hastinapur. The ceremony began with collective presentations by all princes. A demonstration fight between Bheem and Duryodhan was next. The fight turned real with half the audience cheering Bheem and the other half cheering Duryodhan. As emotions seemed to get out of control, Guru Dron instructed his son to stop the fight. Arjun was the next and the only planned solo presenter. Arjun presented his skills that left the audience truly impressed and wonderstruck. Just as Arjun’s performance was coming to an end, Karn entered the stadium and told Arjun that Arjun should not feel proud of his performance. After that Karn performed every single act that Arjun had done. After the performance, Karn expressed desire of a direct fight with Arjun. The challenge was accepted by Arjun. Just as the two were getting ready for the fight, Acharya Kryp asked Karn to give introduction of his family since Arjun, who was a prince, could only fight with a prince. Duryodhan defended Karn based on logical arguments. He further decided to crown Karn as the king of Ang. The fight between Arjun and Karn could not take place since the sun set bringing the eventful day to an end. (Mahabharat/Aadiparv/Sambhav Parv/Chapters 133-136).   Production support: Friends and well-wishers.     *****    महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्था
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