Guru Dron Ka Drupad Se Pratishodh Mahabharat Ka Mahaparv No. 21
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Description
गुरु द्रोण का द्रुपद से प्रतिशोध   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 गुरु दक्षिणा के रूप में बन्दी द्रुपद की इच्छा 02:13 कौरवों का उत्साहपूर्ण आक्रमण 04:23 पांडवों द्वारा प्रतीक्षा करने का निर्णय 06:31 कौरवों पर चारों ओर से हमला और दबाव 11:25 अर्जुन के नेतृत्व में युद्ध हेतु प्रस्थान 15:22 भीम द्वारा हाथियों, रथों इत्यादि का संहार 19:36 द्रुपद का भाई सत्यजित पराजित 22:49 अर्जुन ने द्रुपद को बन्दी बनाया 26:26 गुरु द्रोण द्वारा द्रुपद को मित्रता का प्रस्ताव 31:20 द्रुपद को सम्मानपूर्वक आधा राज्य मिला 32:50 उपसंहार   Episode 21 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the revenge of Guru Dron with his friend King Drupad. After the princes had finished their education, Guru Dron asked them to bring King Drupad as a prisoner as guru Dakshina. Duryodhan, his brothers, friends including Karn rushed to attack along with the army of Hastinapur. They were ill-prepared and had no strategy. They came under severe attack with the residents of the capital joining the defending army. Pandavs under the leadership of Arjun decided to let the Kauravs go first. Arjun planned out his strategy. He asked Yuddhishthir to wait near Guru Dron. Arjun decided that he would be on a chariot with Nakul and Sehdev defending the wheels of the chariot. Bheem was to go on foot and enter the enemy army. Duryodhan, Karn and the army accompanying them were beaten badly. As soon as the news of their fleeing came, Arjun and brothers started the attack. After a fierce battle, Arjun captured Drupad and presented him to his guru. Guru Dron treated Drupad most respectfully, returned half the kingdom to Drupad and asked for friendship.     (Mahabharat/Aadiparv/Sambhav Parv/Chapters 137).   Production support: Friends and well-wishers.    *****   महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hinduism. Mahabharat teaches one about every aspect of life. The struggle in the epic is the clash between two different life-values. Dwaipaayan Krishn and Vaasudev Krishn put in relentles
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Published 11/15/24
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Published 11/07/24