Kanik Kaa Vyaavhaarik Gyaan Aur Geedad Kee Katha Mahabharat Ka Mahaparv No. 22
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Description
कणिक का व्यावहारिक ज्ञान और गीदड़ की कथा   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 अर्जुन ने गुरु द्रोण को विशेष गुरु दक्षिणा दी 06:05 युद्धिष्ठिर युवराज के रूप में नियुक्त 08:25 भीम बलराम के शिष्य बने 09:55 अर्जुन की विजय यात्राएँ 12:46 धृतराष्ट्र की चिंता 13:26 धृतराष्ट्र ने सलाह के लिए कणिक को बुलाया 15:22 पंडित कणिक की धर्मविरोधी व्यावहारिक बुद्धि 24:03 गीदड़ और चार मित्रों की कथा 34:35 जाबालि और कणिक में समानता 38:03 उपसंहार   Episode 22 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the developments in Hastinapur after the princes returned on completing their education. Guru Dron asked for a special guru Dakshina from Arjun seeking a promise that Arjun would not hesitate to even fight Guru Dron himself in a battlefield. Yuddhishthir was crowned as yuvraaj (crown prince) and started earning a lot of name and fame with his good behaviour. Bheem continued to develop his fighting skills under Balram. Arjun took up the task of getting various kings to behave. Arjun went in different directions and conquered many kingdoms. The glory of Pandavs made Dhrutraashtr a worried man. He called Kanik for advice. Kanik tutored Dhrutraashtr on practical morals of politics advising him to play dirty and crooked. Kanik also narrated the story of a jackal and four friends to explain his point more clearly. Kanik’s advice, which Dhrutraashtr tacitly agreed with, was to behave well with Pandavs and to kill them when an opportunity to do so arose. This episode marks the end of Sambhav Parv. (Mahabharat/Aadiparv/Sambhav Parv/Chapters 138-139).   Production support: Friends and well-wishers.     *****   महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hinduism. Mahabharat teaches one about every aspect of life. The struggle in the epic is the clash between two different life-values. Dwaipaayan Krishn and Vaasudev Krishn put in relentless and continuous efforts to establish and strengthen the same fundamental values and ideals for which Ram fought the war against Raavan. By learning and understanding this story and by adopting the learnings into our behaviour we can make our life happy and rich.   *****   Webs
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