Narbhakshi Raakshas Se Saamnaa Aur Hidimbaa Kaa Bheem Prem Mahabharat Ka Mahaparv No. 26
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Description
नरभक्षी राक्षस से सामना और हिडिम्बा का भीम प्रेम   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 नरभक्षी हिडिम्ब ने पाण्डवों को मारने का आदेश दिया 05:17 राक्षसी हिडिम्बा भीम के रूप पर मोहित 07:41 हिडिम्बा का भीम के सम्मुख प्रेम निवेदन 12:09 बड़े भाई के अविवाहित होने के कारण भीम का इन्कार 14:42 हिडिम्बा का पुनः अनुरोध और भीम ने फिर मना किया 16:59 हिडिम्ब का आगमन और हिडिम्बा का सारे पांडवों को लेकर भागने का प्रस्ताव 20:18 हिडिम्ब का बहन पर क्रोध और मारने का निश्चय 22:37 भीम द्वारा हिडिम्बा को संरक्षण और उसके भाई को युद्ध आमंत्रण 26:12 भयंकर युद्ध प्रारम्भ 29:38 उपसंहार   Episode 26 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the events that took place in the forest when a raakshas, Hidimb saw Bheem, his brothers and mother. Hidimb was a cannibal. He wanted to eat these humans. He ordered his sister, Hidimbaa, to kill the humans and bring the dead bodies for them to feast on. Hidimbaa went to the place where the Paandavs were resting. Hidimbaa saw Bheem and was mesmerized by his beauty. Hidimbaa decided that she would get more pleasure by marrying this man instead of by eating his meat. Hidimbaa took on the appearance of a beautiful young woman with nice ornaments and beautiful clothes. She went to Bheem and proposed to him. She told him about her brother who wanted to eat the Paandavs. She offered to protect Paandavs from Hidimb by carrying all of them on her back. Bheem refused her offer because his elder brother was still not married. In the meantime, Hidimb came there. Hidimb saw his sister’s beautiful appearance and he knew that she has fallen in love with Bheem. Hidimb was furious and wanted to kill his sister along with all the Paandavs and Kuntee. Bheem challenged Hidimb to a fight and the two started fighting. (Mahabharat/Aadiparv/Hidimbvadh Parv/Chapters 151, and 152).   Production support: Friends and well-wishers.    *****    महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hi
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