Hidimb Vadh Bheem Hidimbaa Vivaah Ghatotkatch Janm Mahabharat Ka Mahaparv No. 27
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Description
हिडिम्ब वध भीम हिडिम्बा विवाह घटोत्कच जन्म   00:00 परिचय एवं भूमिका 01:02 पाण्डवों और माता कुन्ती का नींद से जागना 03:18 भीम के उत्साहवर्धन के लिए अर्जुन पहुँचे 06:29 हिडिम्ब का भीम द्वारा वध 09:16 हिडिम्बा का पुनः प्रेम निवेदन और भीम का अविश्वास 13:07 युद्धिष्ठिर ने भीम को डाँटा 14:52 हिडिम्बा का कुन्ती से निवेदन 20:46 कुन्ती द्वारा हिडिम्बा के पक्ष में अनुशंसा 22:12 युद्धिष्ठिर द्वारा हिडिम्बा के सम्मुख शर्तें प्रस्तुत 24:47 शालिहोत्र मुनि के सरोवर तट पर निवास स्थान 26:45 माता के आदेश पर भीम ने विवाह हेतु प्रतिज्ञा की 29:42 भीम-हिडिम्बा पुत्र घटोत्कच का जन्म 33:47 उपसंहार   Episode 27 of the conversations between Yogita Pant and Anil Chawla discusses the quick turn of events after Bheem killed Hidimb. Paandavs decided to move away quickly from the place since death of such a major raakshas would not go unnoticed. As they started moving Hidimbaa, Hidimb’s sister, once again expressed her love for Bheem and her desire to marry him. Bheem was not inclined and told her to go on the same path as her brother. Yuddhishthir objected to this. Hidimbaa pleaded with Kuntee and also offered to help Paandavs settle down at a pond nearby. Kuntee was moved by her pleadings on the basis of dharm. Hidimbaa took Paandavs to a place near the ashram of Shaalihotr Muni where she built cottages for them. Bheem and Hidimbaa got married with some conditions. They were blessed with a son who was a giant and was extremely powerful. He was named Ghatotkatch. (Mahabharat/Aadiparv/Hidimbvadh Parv/Chapters 153 and 154).   Production support: Friends and well-wishers.   *****    महाभारत और वाल्मीकि रामायण हिन्दू धर्म के दो मूलभूत आधार ग्रन्थ हैं। महाभारत जीवन के हर पहलू के सम्बन्ध में शिक्षा प्रदान करता है। इसमें जो संघर्ष है वह भिन्न भिन्न जीवन मूल्यों का द्वन्द्व है। जिन मूलभूत मूल्यों एवं आदर्शों के लिए राम ने रावण से युद्ध किया, उन्हीं को स्थापित करने और सशक्त करने के लिए द्वैपायन कृष्ण और वासुदेव कृष्ण भी अथक अनवरत प्रयास करते हैं। इस कथा को जान कर, समझ कर और उससे प्राप्त शिक्षा को आचरण में उतार कर हम अपने जीवन को सुखद एवं समृद्ध बना सकते हैं।   Mahabharat and Valmiki Ramayan are the two fundamental foundation epics of Hinduism. Mahabharat teaches one about every aspect of life. The struggle in the epic is the clash between two different life-values. Dwaipaayan Krishn and Vaasudev Krishn put in relentless and continuous efforts to establish and strengthen the same fundamental v
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