तुम औरत हो | पारुल चंद्रा
क्योंकि किसी ने कहा है, कि बहुत बोलती हो,
तो चुप हो जाना तुम उन सबके लिए...
ख़ामोशियों से खेलना और अंधेरों में खो जाना,
समेट लेना अपनी ख़्वाहिशें,
और कैद हो जाना अपने ही जिस्म में…
क्योंकि तुम तो तुम हो ही नहीं…
क्योंकि तुम्हारा तो कोई वजूद नहीं...
क्योंकि किसी के आने की...
Published 10/06/24