" शाम रंगीन हुई है तेरे आंचल की तरह...."
Listen now
Description
आलेख : सुजॉय चटर्जी वाचन : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष 1981 की फ़िल्म ’कानून और मुजरिम’ का गीत "शाम रंगीन हुई है तेरे आंचल की तरह"। उषा मंगेशकर और सुरेश वाडकर की आवाज़ें, अहमद वसी के बोल और सी. अर्जुन का संगीत। कौन-कौन रहे इस कमचर्चित फ़िल्म के निर्माण, निर्देशन और अभिनय से जुड़े? जानिये गीतकार अहमद वसी के बारे में। संगीतकार सी. अर्जुन और पार्श्वगायिका उषा मंगेशकर का कैसा साथ रहा? इस गीत के फ़िल्मांकन में कैसी त्रुटियाँ हुईं? इस गीत में नायिका का मेक-अप और हेयर-स्टाइल किस जानी-मानी अभिनेत्री जैसा किया गया? ये सब आज के इस अंक में।
More Episodes
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : रचिता देशपांडे प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को...
Published 05/29/24
Published 05/29/24