ज़रा ज़रा बहकता है...
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आलेख : सुजॉय चटर्जी वाचन : शहनीला नजीब प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। दोस्तों, आज के अंक के लिए हमने चुना है साल 2001 की फ़िल्म ’रहना है तेरे दिल में’ का गीत "ज़रा ज़रा बहकता है, महकता है"। बॉम्बे जयश्री की आवाज़, समीर के बोल, और हैरिस जयराज का संगीत। इस गीत ने गायिका बॉम्बे जयश्री की दिनचर्या और कॉनसर्ट्स पर कैसा सकारात्मक प्रभाव डाला? इस गीत के बोलों और इसके फ़िल्मांकन में कैसा वैषम्य है? फ़िल्म ’साहेब बीबी और ग़ुलाम’ के एक गीत के सन्दर्भ में कही प्रसून जोशी की कौन सी बात इस गीत पर भी लागू होती है? जिस राग पर यह गीत आधारित है, उसी राग पर हैरिस जयराज के किस अन्य गीत का भी हिन्दी संस्करण बना है? इस हिट गीत के बावजूद बॉम्बे जयश्री के बहुत कम फ़िल्मी गीत होने का क्या कारण है? "हैरिस जयराज" और "बॉम्बे जयश्री" के असामान्य नामकरण के पीछे क्या राज़ हैं? ये सब, आज के इस अंक में।
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परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : मातृका प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता...
Published 06/04/24
परिकल्पना : सजीव सारथी आलेख : सुजॉय चटर्जी स्वर : रचिता देशपांडे प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को...
Published 05/29/24
Published 05/29/24